पाकिस्तान के आर्मी के चीफ आसिम मुनीर ने एक बार फिर भारत को न्यूक्लियर बम की धमकी दी है। यह धमकी उसने अमेरिका की धरती से दी।
इस पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने इसका संज्ञान लेते हुए एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि भारत पाकिस्तान के न्यूक्लियर ब्लैकमेल के सामने नहीं झुकेगा, और अपनी सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठायेगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के इस तरह के गैर जिम्मेदाराना बयान पर गौर करके निष्कर्ष निकाल सकता है। पाकिस्तान न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी खतरा है। परमाणु हथियार लहराना पाकिस्तान की आदत है। लेकिन किसी भी मित्र देश की धरती से की गयी यह टिप्पणी खेदजनक है ।
10 अगस्त को आसिम मुनीम ने भारत को परमाणु बम की धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर भारत ने सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया या इस पर बाँध बनाया तो हम 10 मिसाइलों से उसे खत्म कर देंगे। सिंधु नदी भारत की निजी संपत्ति नहीं है । हमारे पास मिसाइलों की कोई कमी नहीं है।
आसिम मुनीर अमेरिका के दौरे पर थे जहाँ उन्होंने यह बयान दिया। पिछले दो महीनों में उनकी यह अमेरिका की दूसरी यात्रा है। आसिम मुनीर ने यह ज़हर पाकिस्तानी मूल के कारोबारी अदनान असद की ओर से टाम्पा के होटल ग्रैंड हयात में रखे गये एक डिनर कार्यक्रम में उगला जिसमें लगभग 120 प्रवासी पाकिस्तानी और अमेरिकी सेना के कई उच्चपदेन अधिकारी मौजूद थे। इस समारोह में इजरायली सुरक्षा बलों का एक प्रतिनिधि भी मौजूद था।
फील्ड मार्शल मुनीर अमेरिका की मध्य कमान (CENTOM) के कमांडर, जनरल माइकल कुरीला के सेवानिवृत्ति समारोह में भाग लेने के लिए फ्लोरिडा आये थे। आपको याद होगा कि कुरीला ने अपने कार्यकाल पाकिस्तान को आतंकवाद से निपटने के लिए एक बेहतरीन साझीदार बताया था l
आसिम मुनीर यह भी कहते हैं कि अगर हमें लगा कि हम डूब रहे हैं तो अपने साथ आधी दुनिया को भी ले डूबेंगे। एक ज्वलंत प्रश्न यह है कि अमेरिका एक ओर तो दुनिया को परमाणु बम से बचाने के लिए ईरान को तबाह करने के लिए तैयार है, और दूसरी तरफ अपनी उसकी अपनी ही धरती से पाकिस्तान के सेना-प्रमुख ने इस प्रकार की बात की है। अभी तक अमेरिका ने इस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। दूसरी तरफ यह जानना भी रोचक होगा कि ईरान के राष्ट्रपति अभी पाकिस्तान की यात्रा पर आये हुए हैं और पाकिस्तान ने उसके परमाणु कार्यक्रम को अपना समर्थन भी दिया है।
यह सच है कि भारत इन गीदड़ भभकियों से डरने वाला नहीं है। अब देखना यह है कि आख़िर अमेरिका की इस तमाम परिदृश्य पर क्या प्रतिक्रिया होगी ?