भारतीय वायु सेवा के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सहित चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर ड्रैगन कैप्सूल सफलतापूर्वक आज ISS से आ जुड़ा । डॉकिंग प्रक्रिया नियत समय से पूर्व ही पूरी हो गयी ।
Axiom‑4 का अंतरिक्ष यात्री दल SpaceX के Falcon 9 रॉकेट और नयी Crew Dragon “Grace” कैप्सूल के माध्यम से 25 जून को फ्लोरिडा से उड़ान भर के आज, 26 जून, बृहस्पतिवार को नियत समय से लगभग 20 मिनट पूर्व, सुबह 6:31 AM EDT (भारतीय समयानुसार लगभग 4:01 PM IST) पर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के Harmony मॉड्यूल पर डॉक हुआ। ऑडिटैक्शन पार्ट्स, प्रेसर चेक, और हॅच खोलने की प्रक्रिया दौरान कुछ संचार बाधाएँ हुई, लेकिन दल के द्वारा चिकनी डॉकिंग सुनिश्चित कर दी गयी।
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुँचे सभी अंतरिक्ष यात्री वहाँ 14 दिन बताएंगे ।
Ax‑4 का अंतरिक्ष यात्री दल 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग एवं फील्ड-उन्मुख प्रोजेक्ट्स पर काम करेगा, जिनमें शामिल होंगे –
- सूक्ष्मगुरुत्व जीवविज्ञानं (Microgravity Biology ): माइक्रोग्रैविटी में मोनस्पूर्ति और मानव कोशिका विकास पर अध्ययन।
- स्वास्थ्य विज्ञान: मस्क्युलर अट्रॉफी और इंसुलिन ग्लूकोज सिस्टम पर अनुसंधान (डायबिटीज मॉनिटर्स का परीक्षण)।
- भू अवलोकन (Earth Observation): वायुमंडलीय तूफानों का अध्ययन।
- सामग्री विज्ञान: दवाओं का शेल्फ‑लाइफ़ परीक्षण।
- संज्ञानात्मक प्रभाव (Cognitive effects) : स्क्रीन यूज़ और माइक्रोग्रैविटी में संज्ञानात्मक कार्य।
भारत-संबंधित पहल: ISRO + DBT साझेदारी में स्पेस सूक्ष्म शैवाल (Micro Algae) इत्यादि।
इसके अलावा पोलैंड के ESA “Ignis” मिशन के लिए 17 प्रयोग व हंगरी के HUNOR मिशन के लिए 25 प्रयोग भी शामिल होंगे ।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से पूर्व राकेश शर्मा ही एकमात्र ऐसे भारतीय थे जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा की ! लेकिन वह ISS नहीं, बल्कि सोयूज़‑टी‑11 यान के माध्यम से 3 अप्रैल 1984 को सोयूज़‑7 स्पेस स्टेशन (Salyut 7) पर पहुँच कर अंतरिक्ष में पहुँचे थे! हालाँकि, भारतीय मूल की अमेरिकी-अंतरिक्ष यात्री, सुनीता विलियम्स (Sunita Williams), ISS पर कई बार रह चुकी हैं, लेकिन वे अमेरिका की नागरिक हैं इसलिए भारतीय अंतरिक्ष यात्री नहीं मानी जातीं। चूँकि इससे पहले कोई भारतीय ISS पर नहीं गया था, इसलिए शुभांशु शुक्ला ISS पर पहुँचने वाले पहले भारतीय नागरिक बन गये हैं । पोलैंड और हंगरी का भी यह ISS पर पहला सरकारी मानव मिशन है।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के साथ गाजर का हलवा और मूँग दाल का हलवा जैसे पारंपरिक भारतीय व्यंजन भी अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजे गये हैं जो मिशन में “स्वदेशी स्पर्श” जोड़ते हैं।
Axiom‑4 के अंतरिक्ष यात्री दल के SpaceX ISS पर पहुँचने पर विभिन्न प्रतिक्रियाएँ सामने आयी है! NASA, Axiom Space और SpaceX ने इसे एक “सॉफ्ट और सफल डॉकिन्ग” करार दिया।
ISRO अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने इसे “ऐतिहासिक क्षण” बताया।
अमेरिकी, जापानी और रूसी अंतरिक्ष एजेंसियों ने ISS पर नये क्रू का स्वागत किया।
NASA ने “वैश्विक सहयोग” और “वाणिज्यिक स्पेस स्टेशन का विकास” पर जोर दिया।
गुवाहाटी में युवाओं में अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि बढ़ाने के उद्देश्य से स्कूलों में प्रक्षेपण (Launch ) का सीधा प्रसारण किया गया।
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