नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर 2025 ! यू.के. कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (CSG) की भारत यात्रा के अवसर पर भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच रक्षा सहयोग को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। भारत के रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने अपने समकक्ष यू.के. के रक्षा राज्य मंत्री (हाउस ऑफ लॉर्ड्स के मंत्री) वर्नन कोकर से मुंबई में शुक्रवार को द्विपक्षीय बैठक की।
बैठक में दोनों पक्षों ने चल रहे रक्षा सहयोग कार्यक्रमों की समीक्षा की और भविष्य में रक्षा संबंधों को और गहराई देने के तरीकों पर चर्चा की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-यू.के. नौसैनिक अभ्यास ‘कोंकण-25’ के समुद्री चरण की सफल पूर्णता पर संतोष व्यक्त किया। फिलहाल यू.के. कैरियर स्ट्राइक ग्रुप मुंबई और गोवा में अपने बंदरगाह चरण की गतिविधियों में भाग ले रहा है।
संजय सेठ ने कहा कि इस तरह की परिचालनिक बातचीतें (operational interactions) दोनों नौसेनाओं के बीच समझ और सहयोग को गहरा करती हैं तथा आपसी संचालन क्षमता (interoperability) को मजबूत बनाती हैं। उन्होंने भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं और स्वदेशी प्रणालियों (indigenous systems) के विकास पर भी चर्चा की, जिससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में देश की प्रगति को बल मिला है।
रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने यह बताते हुए संतोष व्यक्त किया कि ‘प्रिंस ऑफ वेल्स’ के नेतृत्व में यू.के. कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने हाल ही में भारत के पश्चिमी तट पर भारतीय नौसेना के साथ द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास ‘कोंकण-25’ के समुद्री चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया है। उन्होंने कहा कि सीएसजी वर्तमान में गोवा और मुंबई में हार्बर फेज की गतिविधियों में भाग ले रहा है, जो दोनों नौसेनाओं के बीच संचालनिक तालमेल और सहयोग को और मजबूत करेगा।
दोनों पक्षों ने सभी क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहरायी, विशेष रूप से वैश्विक रक्षा आपूर्ति शृँखला (global defence supply chain) में सहयोग और अवसरों को बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने इंडो-पैसिफिक और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग (maritime cooperation) को और प्रगाढ़ बनाने की आवश्यकता पर सहमति जतायी ताकि एक स्वतंत्र, खुली और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था कायम रहे और नौवहन की स्वतंत्रता (freedom of navigation) सुनिश्चित की जा सके।
बैठक के अंत में दोनों देशों ने अपने रक्षा संबंधों को एक मजबूत, बहुआयामी और परस्पर लाभकारी साझेदारी में बदलने की प्रतिबद्धता दोहरायी। यह पूरी पहल भारत-यू.के. व्यापक रणनीतिक साझेदारी (India-UK Comprehensive Strategic Partnership) और भारत-यू.के. विज़न 2035 के तहत आगे बढ़ाई जा रही है, जिसे जुलाई 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान अपनाया गया था।