आधारकार्ड समेत अलग – अलग फर्जी पहचान पत्र और दस्तावेज बनाने के रैकेट का भंडाफोड़

एसओजी पुलिस की कार्रवाई, पांच आरोपी 3.27 लाख के मुद्दामाल के साथ गिरफ्तार

सूरत. भारतीय नागरिक होने के प्रमाण के लिए जरूरी आधार कार्ड, चुनाव पहचान पत्र समेत अलग अलग प्रमाणपत्र फर्जी बनाने के रैकेट का शहर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस लैपटॉप, प्रिंटर समेत 3.27 लाख रुपए के मुद्दामाल के साथ पांच आरोपियों को पकड़ा है।

पुलिस ने बताया कि शहर में अवैध तरीके से रहने वाले बांग्लादेशी तथा जिनके पास किसी भी तरह का भारतीय पहचान पत्र नहीं हो ऐसे लोगों को फर्जी चुनाव पहचान पत्र, पैन कार्ड, स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट फर्जी बनाकर देने और इन पहचान पत्रों के जरिए भारतीय आधार कार्ड बनाकर दिया जा रहा होने की सूचना प्रिवेंशन ऑफ क्राइम ब्रांच व स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को मिली थी। सूचना पर वर्क आउट करने पर यह रैकेट पुणा उमरवाड़ा क्षेत्र नया कमेला क्षेत्र में गुलशन – ए – रज़ा मस्जिद के नीचे ए. के.मोबाइल शॉप में चलने का पता चला। उसके बाद पुलिस ने एक डमी ग्राहक को भेजकर पुष्टि की। उसके बाद रविवार देर रात उक्त मोबाइल की दुकान में छापा मारकर इस रैकेट में शामिल संजय नगर निवासी आमद उर्फ लखन मोहम्मद खान, सुमन सिद्धि आवास डुंभाल निवासी मेहबूब याकूब शेख, लिंबायत मारुति नगर निवासी वसीम बदरुद्दीन शेख, सकलैन नईम पटेल और रांदेर रोड निवासी नूर वजीर सैयद को धर – दबोचा। पुलिस ने दुकान से तीन लैपटॉप, एक प्रिंटर, 163 आधार कार्ड, 44 पैन कार्ड, 167 चुनाव पहचान पत्र, 43 लाइट बिल, इनकम टैक्स ई फाइलिंग की 11 स्लीप, 5 वेरा बिल, 5 स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट, 4 स्कूल आईडी, एक लेमिनिशन मशीन, एक कोर्जेन फिंगर प्रिंट मशीन 2, आंख स्कैनिंग मशीन और सीपीयू एक – एक, पांच मोबाइल फोन मिलाकर 3.27 लाख रुपए का मुद्दामाल जब्त किया।

– फ़ोटो शॉप में एडिटिंग कर बनाते थे फर्जी दस्तावेज

पुलिस ने बताया की जिसके पास जन्म प्रमाणत से लेकर किसी भी तरह का पहचान पत्र नहीं हो उसे यह आरोपी फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर देते थे। आरोपी किसी अन्य के प्रमाणपत्र को स्कैन करने के बाद फोटो शॉप में एडिटिंग फर्जी प्रमाणपत्र बनाते थे और उस फर्जी प्रमाणपत्र के जरिए आधार कार्ड बनाकर देते थे। इसके लिए आरोपी एक-एक व्यक्ति से 1500 से 3000 रुपए वसूलते थे।

– नूर और सकलैन दोनों आधार कार्ड के अधिकृत एजेंट

पुलिस ने बताया कि आरोपी नूर सैयद और सकलैन पटेल दोनों आधार कार्ड के अधिकृत एजेंट हैं। फर्जी प्रमाणपत्र बनाने के बाद यह दोनों दस्तावेज फर्जी होने का जानते हुए भी अपने यूजर आईडी के जरिए लोगों को आधार कार्ड बनाकर देते थे।

– वर्ष 2017 से चल रहा था रैकेट

फर्जी दस्तावेजों के जरिए आधार कार्ड बनाने का यह रैकेट वर्ष 2017 से चल रहा था। ऐसे में आरोपियों ने अब तक बड़ी संख्या में इस तरह के आधार कार्ड बनाने दावा पुलिस कर रही है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों से अधिक पूछताछ के लिए उन्हें रिमांड पर सौंपने की कोर्ट से मांग की जाएगी। रिमांड के दौरान और परते खुलने की पुलिस को उम्मीद है।