केंद्र ने मांगी भारत के नये मुख्य न्यायाधीश के लिए अनुशंसा !

केंद्र सरकार ने कानून और न्याय मंत्रालय के माध्यम से भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) की नियुक्ति की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी.आर. गवई 23 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर 2025 ! केंद्र सरकार ने कानून और न्याय मंत्रालय के माध्यम से भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) की नियुक्ति की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी.आर. गवई 23 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

प्रक्रिया के अनुसार, कानून मंत्रालय ने मुख्य न्यायाधीश गवई को एक पत्र भेजा है, जिसमें उनसे उनके उत्तराधिकारी के नाम की अनुशंसा करने का अनुरोध किया गया है। मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (MoP) के तहत की जाती है। यह एक दस्तावेज़ है जो सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति, स्थानांतरण और पदोन्नति की प्रक्रिया को निर्धारित करता है। MoP के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश, जिन्हें इस पद के लिए उपयुक्त माना जाता है, को अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए अनुशंसित किया जाता है। परंपरागत रूप से, वर्तमान मुख्य न्यायाधीश को उनके पद छोड़ने से लगभग एक महीने पहले , यानि 65 वर्ष की आयु पूरी करने से पूर्व, उत्तराधिकारी के नाम की अनुशंसा के लिए अनुरोध भेजा जाता है। अतः 65 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद, परंपरा के अनुसार, न्यायमूर्ति सूर्य कांत, जो वर्तमान में न्यायमूर्ति गवई के बाद सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं, को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) के रूप में नामित किए जाने की संभावना है।

उनकी नियुक्ति होने पर, वे 24 नवंबर को पदभार ग्रहण करेंगे और लगभग 15 महीनों का कार्यकाल पूरा करेंगे, जो 9 फरवरी 2027 तक रहेगा।10 फरवरी 1962 को जन्मे न्यायमूर्ति सूर्य कांत वर्तमान में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं। यदि उन्हें नियुक्त किया जाता है, तो वे भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश होंगे।

सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति से पहले, उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता (Senior Advocate) के रूप में कार्य किया और हरियाणा के महाधिवक्ता (Advocate General) के रूप में भी सेवा दी।
इसके अतिरिक्त न्यायमूर्ति कांत कई महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्यरत हैं — वे राँची स्थित नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (National University of Study and Research in Law, Ranchi) के विज़िटर (Visitor) हैं और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (National Legal Service Authority i.e. NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष (Ex-officio Executive Chairman) भी हैं।