चौधरी ट्रम्प ने भारत पर टैरिफ दूना किया !

7 जुलाई ! अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रति फिर से द्वेष पूर्ण रवैया अपनाते हुए रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर पूर्व में 25% टैरिफ लगाने के बाद और भी 25%  टैरिफ लगाने का आदेश दिया है।

इस आदेश के बाद चीन ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस कदम को व्यापारिक उपायों का दुरुपयोग करार देते हुए अमेरिका की कड़ी आलोचना की है।आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि चीन सदा से टैरिफ के दुरुपयोग का विरोध करता आया है और इस पर हमारा रुख स्पष्ट और स्थाई है। यह बयान चीन की तरफ से तब आया है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) पर हस्ताक्षर कर भारत से आने वाले सामानों पर 25 फ़ीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाने का ऐलान किया है।

इस तरह डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाने का ऐलान करते हुए यह भी कहा है कि भारत रूस से तेल खरीदने के मामले में चीन के बेहद करीब है और अब अमेरिका इससे निपटने के लिए सेकेंडरी प्रतिबंधों की ओर बढ़ेगा। व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं हमने भारत पर रूसी तेल के लिए 50% टैरिफ लगाया है, वे रूस से तेल खरीदने में चीन के काफी करीब हैं। भारत पर पहले वाला 25% टैरिफ 7 अगस्त से लागू हुआ है जबकि नया 25% टैरिफ 21 दिनों बाद यानी 27 अगस्त से लागू होगा।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब उनसे पूछा गया कि क्या रूस का यूक्रेन के साथ समझौता हो जाने पर वह भारत से टैरिफ हटा सकते हैं ? इस पर ट्रम्प ने जवाब दिया कि फिलहाल तो वे (यानि भारत ) 50% टैक्स देंगे, आगे क्या होगा देखा जाएगा। जब ट्रम्प से पूछा गया कि चीन और तुर्की भी रूस से तेल खरीद रहे हैं तो फिर भारत पर ही इतनी बड़ी कार्रवाई क्यों ? इस पर ट्रंप ने कहा कि अभी भारत पर टैरिफ लगाये सिर्फ 8 घंटे हुए हैं आगे आप बहुत कुछ देखेंगे सेकेंडरी प्रतिबंधों की बाढ़ आयेगी।

चीन अमेरिका ने रूसी तेल आयात को लेकर सिर्फ भारत पर 50% टैक्स लगाया है जबकि टीम पर चीन पर 30% और तुर्की पर सिर्फ 15% टैरिफ है। इस भेदभाव को लेकर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय (MEA ) ने ट्रंप के फैसले को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि यह दुखद है कि अमेरिका ने ऐसा कदम उठाया जबकि कई अन्य देश भी राष्ट्रीय हित में वही कर रहे हैं जो भारत कर रहा है।

MEA ने अपने बयान में कहा कि हमारा रुख स्पष्ट है भारत की तेल खरीद बाजार की परिस्थितियों और 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखकर की जाती है। यह टैरिफ न केवल अनुचित है बल्कि अन्याय पूर्ण और अविवेकपूर्ण भी है। भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठायेगा।

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