मगरमच्छ की शिकारी बाघिन एरोहेड की मौत !

मगरमच्छ की शिकारी बाघिन एरोहेड की आज रणथंभौर अभ्यारण्य में ब्रेन ट्यूमर से मौत हो गयी। एरोहेड प्रसिद्ध बाघिन, क्वीन ऑफ़ रणथंभौर नाम से प्रसिद्ध मछली की बेटी थी।

कोटा /सवाई माधोपुर । 19 जून। मगरमच्छ का शिकार कर सेलिब्रिटी बनी बाघिन एरोहेड की आज रणथंभौर अभ्यारण्य में ब्रेन ट्यूमर से मौत हो गयी। एरोहेड रणथंभौर की प्रसिद्ध बाघिन मछली की बेटी थी। मछली भी मगरमच्छों की पारंगत शिकारी थी। उसे क्वीन ऑफ़ रणथंभौर भी कहा जाता था। यह सम्मान उसे उसकी खूबसूरती पर मिला था। वह बहुत खूबसूरत थी और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर उस पर फिदा रहते थे। मछली कई बार माँ बनी। उसके शावक देश के अनेक अभ्यारणों में घूम रहे हैं। एरोहेड की बेटी को आज सुबह ही रणथंभौर से मुकंदरा टाइगर रिजर्व में स्थानांतरित किया गया था। उसके जाने के कुछ ही समय बाद एरोहेड की मौत हो गयी।
इससे दो माह पूर्व ही, 21अप्रैल को कनकटी ने एक 7 वर्षीय बालक कार्तिक सुमन को मार डाला था। बच्चा अपने चाचा और दादी के साथ त्रिनेत्र गणेश के दर्शन करके लौट रहा था कि कनकटी अचानक ही प्रकट हुई और भीड़ के बीच में से बच्चे को मुँह में दबोच कर चली गयी। टाइगर के अचानक बर्बर हमले से आतंकित जन समूह ने गणेश धाम चौकी पर जाकर सूचना दी। इस पर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुँच कर ट्रिनिटी गणेश मंदिर जाने वाले सभी रास्तों पर आवागमन रोक दिया। वनकर्मियों ने देखा कि टाइग्रेस बच्चे की गर्दन पर पंजा रख कर बैठी है। बड़ी मुश्किल के बाद उसे भगाया गया और बच्चे का शव बरामद किया जा सका। मंदिर ट्रस्ट की ओर से बच्चे के परिजनों को डेढ़ लाख रुपए की आर्थिक सहायता भी प्रदान की गयी। कनपटी एक रेंजर देवेंद्र चौधरी को भी मार चुकी है। कनकटी के भाई, एरोहेड के नर शावक को भी पूर्व में रणथंभौर से करौली के अभ्यारण में शिफ्ट किया जा चुका है।