महाबोधि महाविहार का संचालन बौद्ध समुदाय को सौंपने की मांग

स्वयं सैनिक दल के नेतृत्व में बौद्ध समुदाय ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

भरूच. भरूच में स्वयं सैनिक दल के नेतृत्व में बौद्ध समुदाय ने महाबोधि महाविहार, बोधगया का संचालन बौद्ध समुदाय को सौंपने की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के साथ बौद्ध समुदाय ने राष्ट्रपति के नाम एक पत्र भी लिखा, जिसमें बोधगया और महाबोधि महाविहार के प्रबंधन पर चिंता जताई गई। महाबोधि महाविहार वह स्थान है जहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। यह स्थान करोड़ों बौद्ध अनुयायियों के लिए श्रद्धा का केंद्र है। बोधगया में स्थित इस मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व अत्यधिक है। 1949 के महाबोधि मंदिर अधिनियम के तहत इस मंदिर का संचालन 9 सदस्यीय एक समिति द्वारा किया जाता है, जिसमें 4 हिन्दू, 4 बौद्ध और गया जिले के कलेक्टर शामिल होते हैं। बौद्ध समुदाय का आरोप है कि समिति में बौद्धों की संख्या बहुत कम है, जिससे बौद्ध संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। उनका यह भी कहना है कि बौद्ध धर्म विरोधी गतिविधियां भी बढ़ गई हैं और दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बौद्ध समुदाय ने यह तर्क दिया है कि भारत के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों का संचालन उनके अनुयायी करते हैं, जैसे कि हिन्दू मंदिरों का संचालन हिन्दू, मस्जिदों का संचालन मुसलमान, गुरुद्वारों का संचालन सिख और चर्चों का संचालन ईसाई करते हैं। बौद्ध समुदाय ने महाबोधि मंदिर अधिनियम 1949 को रद्द करने और महाबोधि महाविहार का संचालन पूरी तरह से बौद्ध समुदाय को सौंपने की मांग की है। उनका कहना है कि बौद्ध धर्म का यह महत्वपूर्ण स्थल बौद्ध अनुयायियों के नियंत्रण में होना चाहिए, ताकि यहां की धार्मिक परंपराओं और संस्कृति का सही तरीके से पालन किया जा सके।