‘पीएम आवास योजना’ के 390 आवासों का हुआ ड्रॉ

सूरत में स्लम एरिया घटकर केवल 7.50 प्रतिशत रह गया: केंद्रीय जल मंत्री सीआर पाटिल

सूरत। सूरत महानगर पालिका द्वारा 77.08 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित ईडब्ल्यूएस-54 (सुमन आदर्श) और ईडब्ल्यूएस-51 (सुमन नूपुर) के 744 घरों में से 390 आवासों का कम्प्यूटरीकरण ड्रॉ अडाजण के संजीवकुमार ऑडिटोरियम में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल के हाथों से निकाला गया। इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल्ल पानसेरिया और वन, पर्यावरण राज्य मंत्री मुकेशभाई पटेल विशेष रूप से उपस्थित थे।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने ड्रो में नया घर पाने के लिए लाभार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि जहां हर कोई अपने घर का सपना देखता है, वहीं पीएम आवास योजना सूरत जैसे शहर में गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है। पीएम आवास योजना के तहत सभी जरूरतमंद नागरिकों को जाति-पाति के भेदभाव के बिना पारदर्शी तरीके से आवास उपलब्ध कराना केंद्र-राज्य सरकार और सूरत महानगरपालिका का लक्ष्य रहा है।

– सूरत शहर शून्य स्लम शहर बन जाएगा

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जिन लाभार्थियों को कम्प्यूटरीकृत ड्रा में आवास नहीं मिला है, वे भी घर से वंचित नहीं रहेंगे और भविष्य में सूरत के हर जरूरतमंद परिवार को पीएम आवास योजना के माध्यम से तैयार घर मिलेगा। एक समय सूरत में 28 प्रतिशत से अधिक स्लम (झुग्गी) क्षेत्र था, जो अब घटकर मात्र 7.50 प्रतिशत रह गया है, हम सभी के संयुक्त प्रयासों से निकट भविष्य में सूरत शहर शून्य स्लम शहर बन जाएगा। मंत्री ने कहा कि स्लम मुक्त सूरत के निर्माण का यह मॉडल मनपा द्वारा शून्य स्लम की दिशा में प्रगति के साथ-साथ गुजरात सहित पूरे देश के लिए एक उदाहरण स्थापित करेगा।

महापौर दक्षेश मावानी ने कहा कि जैसे-जैसे सूरत विकास की तीव्र गति से बढ़ रहा है, राज्य-केंद्र सरकार और सूरत महानगर पालिका आवासीय सुविधाओं, बुनियादी ढांचे सहित अधिक से अधिक जन कल्याण सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। पीएम आवास योजना ने लोगों के घर के सपने को साकार किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना लागू करने में सूरत राज्य में सबसे आगे है। विश्व पटल पर हीरे और वस्त्रों के लिए मशहूर सूरत तेजी से स्वच्छता से जीरो स्लम की ओर बढ़ रहा है, जीरो स्लम अवधारणा की नींव में पीएम आवास योजना का भी अहम योगदान है।

ईडब्लूएस-54 सुमन आदर्श टी.पी. नं. 10 (अडाजन), आयकर-कार्यालय के पीछे, अडाजण फायर स्टेशन के पीछे, फा.प्लॉट नं. 17 रु. 47.56 करोड़ रुपये की लागत से प्राप्त कुल 408 आवास इकाइयों में से 327 आवास इकाइयों का कम्प्यूटरीकृत ड्रा किया गया। जबकि ईडब्लूएस-51 सुमन नुपुर डिंडोली विलेज रोड पर, डिंडोली रीजेंट प्लाजा के बगल में टी.पी.नं. 62 (डिंडोली-भेस्तान-भेडवाड), फा.प्लॉट नं. 173 को 29.52 करोड़ की लागत से 336 मकानों में से 77.08 करोड़ की लागत से कुल 744 मकानों में से 63 मकानों का ड्रॉ आज निकाला गया। इस प्रकार पारदर्शी ड्रा के माध्यम से 390 आवास लाभार्थियों को आवास मिल गये हैं।

– अभी तक 22,947 आवास लाभार्थियों को आवंटित

पीएमएवाई-एएचपी योजना के तहत अब तक सूरत शहर में 2087.15 करोड़ रुपये की लागत से 57 स्थानों का निर्माण किया गया है। 29,876 मकान स्वीकृत किये गये हैं। उपरोक्त स्वीकृत आवास में से 1896.56 करोड़ रुपये की लागत से 54 स्थानों पर 27,688 आवास इकाइयाँ पूरी हो चुकी हैं। साथ ही, 190.59 करोड़ रुपये की लागत से 2188 आवाासों की 03 (तीन) साइटों पर काम चल रहा है। अब तक 25,444 आवासों का कम्प्यूटरीकृत ड्रा निकाला जा चुका है, जिनमें से 22,947 फ्लैट लाभार्थियों को आवंटित किए जा चुके हैं।