नई दिल्ली, 29 नवम्बर 2025 ! भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने शुक्रवार को ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (AITC) के एक प्रतिनिधिमंडल को कड़े शब्दों में आगाह किया है कि मृत, स्थानांतरित और डुप्लिकेट मतदाताओं के सत्यापन के दौरान बूथ स्तर अधिकारियों (BLOs) को प्रभावित करने या धमकाने की कोई कोशिश न की जाए। सूत्रों के अनुसार, आयोग ने AITC प्रतिनिधिमंडल द्वारा लगाए गए “बेसिर-पैर के आरोपों और निराधार आशंकाओं” पर विस्तृत, बिंदुवार प्रतिक्रिया जारी की है।
ECI ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में चल रहा मतदाता सूची संशोधन कार्य पूरी तरह संवैधानिक प्रावधानों और चुनावी कानूनों के अनुसार ही किया जा रहा है। सूत्रों ने यह भी बताया कि आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधियों को सलाह दी है कि वे केवल तथ्यों के आधार पर ही अपने दावे और आपत्तियाँ दाखिल करें।
दावों और आपत्तियों को केवल 9 दिसंबर के बाद ही दाखिल किया जा सकेगा, जब मतदाता सूची का प्रारूप (ड्राफ्ट) जारी किया जाएगा। तब तक, AITC प्रतिनिधियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि वे BLOs, इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर्स (EROs) और डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर्स (DEOs), जो राज्य सरकार के अधिकारी हैं और चुनाव कार्य के लिए प्रतिनियुक्त किए जाते हैं, के कार्यों में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप न करें।
संवैधानिक प्रावधानों को दोहराते हुए, ECI ने प्रतिनिधिमंडल को याद दिलाया कि संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार केवल भारतीय नागरिक ही मतदान के योग्य हैं और विदेशी नागरिकों को वोटर सूची में शामिल नहीं किया जा सकता। सूत्रों के अनुसार, आयोग ने यह भी पाया कि फील्ड स्टाफ के लिए ECI द्वारा स्वीकृत बढ़े हुए मानदेय (honorarium) का भुगतान अभी तक राज्य सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया है। ECI ने राज्य सरकार से कहा है कि यह भुगतान बिना किसी और देरी के तुरंत जारी किया जाए।
जिम्मेदार आचरण की आवश्यकता पर जोर देते हुए, आयोग ने प्रतिनिधियों को सावधानी बरतने की सलाह भी दी।
ECI ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत में मतदाता सूची का निर्माण और चुनाव, संविधान और स्थापित कानूनों के अनुरूप सख्ती से किया जाता है सूत्रों ने बताया कि आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपेक्षा की है कि वे इन कानूनों और प्रक्रियाओं का पालन करें।