जीतो द्वारा 9 अप्रैल को पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंडोर स्टेडियम, अठवा लाइंस, सूरत में विश्व नवकार मंत्र दिवस का आयोजन किया गया है।
एक साथ विश्व के 108 से अधिक देशों में नवकार मंत्र का उच्चारण किया जाएगा।
नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी स्वयं उपस्थित रहेंगे और वर्चुअली पूरे विश्व को संबोधित करेंगे।
जीतो सूरत द्वारा आगामी 9 अप्रैल को नवकार मंत्र दिवस भव्य रूप से मनाया जाएगा। सूरत के पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंडोर स्टेडियम में हजारों लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे और नवकार मंत्र का जाप कर विश्व कल्याण व विश्व शांति की प्रार्थना करेंगे।
ऐसे नमस्कार महामंत्र का सामूहिक जाप करने से समस्त जीवों को सुख, शांति और प्रसन्नता की प्राप्ति हो—इस संकल्प के साथ यह नवकार मंत्र सामूहिक रूप से जपा जाएगा। इससे विचारों की सकारात्मक तरंगे संपूर्ण विश्व में फैलेंगी और इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा, ऐसी हम सभी को श्रद्धा है।
विश्व नवकार मंत्र दिवस के निमित्त आयोजित जाप में पुरुषों को सफेद वस्त्र और महिलाओं को लाल वस्त्र पहनने होंगे।
विश्व नवकार मंत्र दिवस, अर्थात 9 अप्रैल के दिन सूरत महानगर पालिका द्वारा संचालित सभी कसाईखानों को बंद रखने का निर्णय लेकर अनेक मूक-बधिर पशुओं को अभयदान देने का सराहनीय निर्णय भाजपा के शासकों द्वारा लिया गया है, जिसकी हम अनुमोदना करते हैं।
जीतो सूरत चैप्टर के चेयरमैन और इस प्रोजेक्ट के कन्वीनर श्री निरव शाह ने बताया कि 9 अप्रैल का दिन जीतो द्वारा नवकार मंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। उस दिन भारत सहित 108 देशों में एक साथ यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। सूरत में नवकार महामंत्र जाप का कार्यक्रम घोड़दौड़ रोड स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंडोर स्टेडियम में होगा, जिसमें जैन समाज के लोग सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे।
इस कार्यक्रम की खास बात यह है कि भारत सरकार द्वारा 9 अप्रैल के दिन को आधिकारिक रूप से विश्व नवकार मंत्र दिवस के रूप में घोषित किए जाने की भी अपेक्षा है। 9 अप्रैल को नई दिल्ली, विज्ञान भवन से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे और नवकार महामंत्र का जाप करेंगे और संपूर्ण विश्व को वर्चुअली संबोधित करेंगे।
सिद्ध भगवानों को अर्थात् जिन्होंने अपने आत्मा के शुद्ध स्वरूप को प्राप्त कर लिया है और इस संसार के 84 लाख योनियों के जीवन-मरण के चक्र से हमेशा के लिए मुक्त हो चुके हैं—ऐसे सिद्ध परमात्माओं को नमस्कार किया गया है।
आचार्य, उपाध्याय और साधु—जो सिद्ध बनने के लिए साधना कर रहे हैं, आराधना में लीन हैं और मोक्ष मार्ग की ओर अग्रसर हैं—ऐसे आचार्य, उपाध्याय और साधुओं को भी नमस्कार किया गया है।
मंत्र जाप करने वाले साधक का राग-द्वेष शांत हो जाता है, तृष्णाएं समाप्त होती हैं, संतोष, अहिंसा, करुणा, वात्सल्य जैसे गुण उसके हृदय में प्रकट होते हैं। वह जीवन के सच्चे सुख का अनुभव करता है और उसके सभी अमंगल, पाप और भविष्य के दुख दूर हो जाते हैं।