सूरत. शहर के ड्रीम प्रोजेक्ट मेट्रो रेल के निर्माणकार्य के दौरान नाना वराछा इलाके में एलिवेटेड ब्रिज पर 135 टन के गर्डर लॉन्चर को उठाते समय एक क्रेन और लॉन्चर मशीन गिर गई थी, जिससे बंगला क्षतिग्रस्त हो गया th और तीन कारें दब गईं थी। इस घटना में मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (जीएमआरसी) ने ठेकेदार कंपनी रणजीत बिल्डकॉन को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। हालांकि, ठेकेदार ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि यह घटना हाइड्रोलिक और मैकेनिकल विफलता के कारण हुई। लेकिन, जीएमआरसी के गले यह कारण नहीं उतर रहा और अधिकारियों ने इस कारण को नकार दिया है। अधिकारियों का कहना है कि जीएमआरएसी की जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद कंपनी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
22 अगस्त को मेट्रो रेल के कार्य के दौरान नाना वराछा इलाके में दो क्रेनें गिर गई थी। उनमें से एक क्रेन पास के बंगले के ऊपर गिर गई और एक गर्डर लॉन्चर बंगले के सामने के हिस्से पर गिरा था। हादसे के कारण इमारत को बड़ा नुकसान पहुंचा था। उस समय घर में कोई मौजूद नहीं होने से बड़ा हादसा टल गया था। घटना की जांच के लिए मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने दिल्ली और अहमदाबाद से विशेषज्ञों की एक टीम बुलाई थी। इसके अलावा पांच सदस्यीय टीम भी गठित की गई है, जिसकी जांच जारी है। साथ ही ठेकेदार कंपनी रणजीत बिल्डकॉन को कारण बताओ नोटिस दिया गया था। कंपनी की ओर से पहले तो तय समय में नोटिस का जवाब नहीं दिया गया। बाद में जवाब दिया तो उसमें हादसे के लिए हाइड्रोलिक और मैकेनिकल विफलता को जिम्मेदार बताया था, लेकिन इस कारण से जीएमआरसी संतुष्ट नहीं है और अब जांच कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। आने वाले दिनों में जांच कमेटी द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद जिम्मेदारी तय की जाएगी।