सूरत। उद्योगपति और पर्यावरणविद् विरल देसाई ने पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति संरक्षण के माध्यम से सफलता कैसे प्राप्त करें, इस पर वनिता विश्राम विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ संवाद कर उन्हें मोटिवेट किया। इस अवसर पर गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. जिज्ञासा ओझा विशेष रूप से उपस्थित रहीं।
ग्रीनमैन देसाई ने विश्वविद्यालय के बी.कॉम की छात्राओं से संवाद करते हुए उन्हें समझाया कि पौधारोपण और प्रकृति संरक्षण न केवल जलवायु परिवर्तन के मुद्दों को लक्षित करते हैं, बल्कि इस कार्य के माध्यम से आप व्यक्तित्व विकास भी कर सकते हैं। क्योंकि यह कार्य आपको आंतरिक रूप से कई तरह से निर्मित करता है।
उन्होंने कहा कि “यदि आप केवल दो पौधे लगाकर उसकी देखभाल करते हैं, तो आपके मन में हमेशा एक फीलगुड फैक्टर रहता है कि इस विशाल ब्रह्मांड की सुंदरता को बढ़ाने में आपका भी योगदान है और इस फीलगुड फैक्टर से आप में जो आत्मविश्वास पैदा होता है, वह आपको जीवन में हमेशा मदद करता रहेगा।’
संवाद के अलावा छात्रों के लिए एक स्टडी टूर भी आयोजित किया गया। जिसमें उन्हें गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय, वहां तैयार किए गए शहरी वन ‘अमृतवन’ और उधना शहीद स्मृति वन का दौरा करा कर शहरी वनों (अर्बन फॉरेस्ट) की जरूरतों से अवगत कराया गया।