मोझाम्बिक में राजनीतिक हिंसा से गुजरातियों में चिंता, भरूच के सितपोन में परिवारजन परेशान
भरूच के कई गांवों के लोग बसे हैं मोझाम्बिक में
भरूच. दक्षिण अफ्रीका के पास स्थित मोझाम्बिक में हाल ही में अदालत के फैसले के बाद भड़की राजनीतिक हिंसा का सबसे ज्यादा असर गुजरातियों पर पड़ा है। गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों से कई परिवार रोजगार और व्यवसाय के लिए विदेशों में बसे हैं और इनमें से कई परिवार मोझाम्बिक, दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों में रहकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। हिंसा के कारण मोझाम्बिक में रहने वाले गुजरातियों में खौफ का माहौल बना हुआ है और भरूच जिले के सितपोन गांव में रहने वाले परिवारजन बेहद चिंतित हैं।
गुजरात के कई लोग वर्षों से विदेशों में बसकर अपना व्यवसाय चला रहे हैं। मोझाम्बिक में बसे हुए अधिकांश गुजरातियों के पास किराना, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और मोबाइल शॉप्स हैं। वर्तमान में मोझाम्बिक में जो हिंसा भड़की है, उससे वहां के नागरिकों की स्थिति दयनीय हो गई है। इस हिंसा में ना केवल संपत्ति का नुकसान हुआ है, बल्कि लोगों की जान-माल की भी रक्षा नहीं हो पा रही है। भरूच जिले के सितपोन गांव के लोग अपने परिवारों के सुरक्षित रहने के लिए लगातार संपर्क में हैं, लेकिन वहां की स्थिति को लेकर वे परेशान हैं। सितपोन गांव के महमूद माटलीवाला ने बताया कि उनका परिवार 20 साल से मोझाम्बिक में रह रहा है। उनके परिवार के लगभग 10 अन्य सदस्य भी वहां व्यापार के लिए स्थायी रूप से बसे हुए हैं। महमूद के दो भाई इस समय मोझाम्बिक के मनिषा और मापुटो में अपने व्यवसाय चला रहे हैं। उनकी बर्तनो की दुकानें हैं, लेकिन हाल ही में वहां जो हिंसा फैली है, उसमें उनके भाइयों की दुकानें और घर लूटे जा चुके हैं। अब उनके भाई अपने घरों को छोड़कर दूसरों के घरों में शरणार्थी बने हुए हैं। हिंसा के कारण परिवार को करोड़ों का नुकसान हुआ है। महमूद माटलीवाला ने आगे कहा कि उनके भाइयों का जीवन संकट में है और परिवार में भारी चिंता का माहौल है। उन्होंने भारत सरकार और गुजरात सरकार से अपील की है कि वे मोझाम्बिक में फंसे गुजरातियों की मदद करें और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। महमूद ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार हमें किसी प्रकार की सहायता करेगी ताकि हमारे परिवारजन सुरक्षित रह सकें और व्यापारिक नुकसान की भरपाई की जा सके। महमूद के गांव के सरपंच ने कहा की यह घटनाक्रम गुजरातियों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है, क्योंकि मोझाम्बिक जैसे देशों में बसे हुए कई परिवार आर्थिक और सामाजिक संकट का सामना कर रहे हैं। गुजरात से मोझाम्बिक और दक्षिण अफ्रीका में बसे लोग अक्सर अपने व्यवसायों के लिए इन देशों का रुख करते हैं, लेकिन अब हिंसा ने उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। कई परिवारों के लिए यह समय डर और असुरक्षा का है और वे अपने प्रियजनों के सुरक्षित लौटने का इंतजार कर रहे हैं।