मुंबई, 28 अगस्त 2025 ! दिवंगत निर्देशक गुरु दत्त की दो मशहूर फिल्में ‘प्यासा’ और ‘साहिब बीबी और गुलाम’ इन दिनों पीवीआर (मल्टीप्लेक्स) सिनेमाघरों में 4K { बेहतर रिजोल्यूशन वाले उच्चस्तरीय नवीकृत (restored) } संस्करण में पूरे भारत में प्रदर्शित की जा रही हैं। इन फिल्मों को दो हफ्ते पूर्व ही दोबारा रिलीज़ किया गया था।
गुरु दत्त की क्लासिक फिल्मों ‘बाजी’, ‘प्यासा’, ‘मिस्टर एंड मिसेज 55’, ‘साहिब बीबी और गुलाम’, ‘आर पार’ और ‘चौदहवीं का चाँद’ के इन 4K संस्करणों के पुनः प्रदर्शन को जबरदस्त सफलता मिलने के बाद, उनके शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में दो हफ्ते पहले आयोजित समारोह के अंतर्गत, अल्ट्रा मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, अब उनकी दो सबसे मशहूर फिल्मों ‘प्यासा’ और ‘साहिब बीबी और गुलाम’ को दर्शकों की भारी माँग के चलते पीवीआर सिनेमाघरों में लगातार प्रदर्शित कर रही है।
दोनों फिल्मों को NFDC (National Film Deverlopement Corp) एवं NFAI (National Film Archive of India ) के सौजन्य से नवीकृत किया गया है और इनके पुनः-प्रदर्शन के दौरान देश तथा देश के बाहर से असाधारण प्रतिक्रियाएँ मिल रही हैं।
गुरु दत्त के जन्म-शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित इन फ़िल्मों की सेंचुरी स्पेशल स्क्रीनिंग के दौरान भी दर्शकों से ज़बरदस्त प्रतिक्रिया मिली है जिससे यह साबित होता है कि गुरु दत्त की कला और भारतीय सिनेमा का स्वर्ण युग आज भी उतना ही प्रासंगिक है।
इन फ़िल्मों की बढ़ायी गयी प्रदर्शन क्षमता के कारण अधिकतम लोग भारत भर में इन्हें बड़े पर्दे पर उनकी स्वाभाविक भव्यता के साथ देख पा रहे हैं।
Ultra Media & Entertainment के MD और CEO, सुशील कुमार अग्रवाल कहते हैं कि सेंचुरी सेलिब्रेशन से यह पता चलता है कि गुरु दत्त की फ़िल्में कितनी सदाबहार हैं। “प्यासा” और “साहिब बीबी और ग़ुलाम” को फिल्म थिएटरों में देखने की माँग बताती है कि इन फ़िल्मों का भावनात्मक और सांस्कृतिक असर आज भी पीढ़ी दर पीढ़ी कायम है। उनका मानना है कि इन क्लासिक्स को 4K क्वालिटी में बड़े पर्दे पर देखना ही गुरु दत्त की सिनेमाई प्रतिभा को सच्ची श्रद्धांजलि देना होगा।
भारतीय सिनेमा की दो महान कृतियों में व्यापक रूप से मानी जाने वाली ‘प्यासा’, प्रेम, कला और स्वतंत्रता के बाद की स्थिति से भारत में मोहभंग पर एक काव्यात्मक प्रतिबिंब है। इसे गुरु दत्त ने लिखा भी, निर्देशित और निर्मित भी स्वयं ही किया था। गुरु दत्त के अलावा इस फिल्म में माला सिन्हा और वहीदा रहमान ने भी मुख्य भूमिकाएँ निभाई थीं।
जहाँ तक ‘साहिब बीबी और गुलाम’ का सवाल है, यह फिल्म नायिका मीना कुमारी के अविस्मरणीय अभिनय के लिए प्रसिद्ध है। यह पतन, एकाकीपन और तड़प की भयावहता का प्रतिबिंब दिखाती सी प्रतीत होती है।
दोनों फिल्में नियमित रूप से विश्व की सर्वश्रेष्ठ सिनेमाई कृतियों में शामिल की जाती हैं।