
अयोध्या में ऐतिहासिक क्षण: प्रधानमंत्री मोदी के हाथों हुआ राम मंदिर पर पहली बार औपचारिक ध्वजारोहण !
श्री राम की अयोध्या में आज भारत के प्रमुख धार्मिक एवं सांस्कृतिक क्षितिज पर समय ने अपनी पृष्ठभूमि में एक ऐतिहासिक करवट ली जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह भगवान सूर्यदेव की साक्षी में श्री राम जनमभूमि मंदिर, अयोध्या के 191-फुट ऊँचे शिखर पर भगवा ‘धर्म-ध्वज’ फहराया। यह समारोह ‘ध्वजारोहण उत्सव’ के रूप में आयोजित किया गया, और इस कदम से मंदिर के निर्माण कार्य की औपचारिक समाप्ति की अनौपचारिक घोषणा भी हो गई ।
अयोध्या , 25 नवंबर 2025 ! श्री राम की अयोध्या में आज भारत के प्रमुख धार्मिक एवं सांस्कृतिक क्षितिज पर समय ने अपनी पृष्ठभूमि में एक ऐतिहासिक करवट ली जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह भगवान सूर्यदेव की साक्षी में श्री राम जनमभूमि मंदिर, अयोध्या के 161 फुट ऊँचे शिखर पर लगभग 30 फुट ऊँचे ध्वज–दंड पर 191 फुट की ऊँचाई पर भगवा ‘धर्म-ध्वज’ फहराया। यह समारोह ध्वजारोहण उत्सव के रूप में आयोजित किया गया, और इस प्रकार मंदिर के निर्माण कार्य की औपचारिक समाप्ति की अनौपचारिक घोषणा भी हो गई ।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि सदियों का दर्द आज विश्राम पा रहा है, सदियों की संकल्पना आज पूर्ण हो रही है। समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा राज्यपाल आनीबेन पटेल सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे।
ध्वज पर अंकित तीन प्रमुख प्रतीक, सूर्य, ‘ॐ’ तथा कोविदार वृक्ष, हिन्दू संस्कृति, रामराज्य के आदर्श एवं सनातन धर्म की गहराई को दर्शाते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे एक नए युग का आरंभ माना और कहा कि यह ध्वज सत्य, न्याय और रामराज्य के मूल्यों का प्रतीक है।
ख़बरों के अनुसार स्वयं अयोध्या की स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने भी इस अवसर पर आनंद प्रकट किया है, इस समारोह को सहिष्णुता व समावेशिता की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया।विश्वभर से आए सैकड़ों श्रद्धालु, विद्वान व पत्रकार इस क्षण के साक्षी बने। मंदिर के आसपास विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, जिसमें लगभग 7 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात थे।
इस तरह, आज का दिन अयोध्या और भारत के धार्मिक व साँस्कृतिक इतिहास में एक कालजयी अध्याय के रूप में दर्ज हुआ है जब उस स्थान पर, जिसे राम-जन्मभूमि माना जाता है, शिखर पर धर्म-ध्वज लहरा उठा।
