
अंतिम क्षणों तक रोमांचकारी मैच जीत भारत ने श्रृंखला बराबर की !
आज भारत ने तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी के पाँचवें और अंतिम टेस्ट मैच में मेजबान इंग्लैंड को एक रोमांचक मैच में 6 रनों से हरा दिया। यह 6 रनों से हुई जीत भारतीय क्रिकेट के इतिहास में खेले गये किसी भी टेस्ट मैच में रनों की दृष्टि से सबसे कम अंतर से हुई जीत थी । इस जीत से यह पाँच मैचों की श्रृंखला 2-2 की बराबरी पर समाप्त हो गयी।
लंदन , 4 जुलाई 2025 ! आज भारत ने तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी के पाँचवें और अंतिम टेस्ट मैच में मेजबान इंग्लैंड को एक रोमांचक मैच में 6 रनों से हरा दिया। यह 6 रनों से हुई जीत भारतीय क्रिकेट के इतिहास में खेले गये किसी भी टेस्ट मैच में रनों की दृष्टि से सबसे कम अंतर से हुई जीत थी । इस जीत से यह पाँच मैचों की श्रृंखला 2-2 की बराबरी पर समाप्त हो गयी। पाँच मैचों की श्रृंखला का दूसरा और पाँचवाँ मैच भारत ने जीता, जबकि पहले और तीसरे मैच में विजय इंग्लैंड को मिली । वहीं चौथा मैच ड्रॉ रहा।
यह मैच लंदन के केनिंगटन ओवल के मैदान में खेला जा रहा था। पहली पारी में टॉस जीतकर इंग्लैंड ने बल्लेबाजी चुनी। भारत ने, करुण नायर के सर्वाधिक 57 रनों के साथ 234 रन बनाये, जिसके जवाब में इंग्लैंड ने 347 रन बनाकर 23 रनों की मामूली सी बढ़त हासिल की। दूसरी पारी में भारत ने 396 रन बनाकर इंग्लैंड को मैच जीतने के लिए 374 रनों का लक्ष्य दिया।
मैच के अंतिम क्षणों तक भी मैच रोमांचक स्थिति में था। आज अंतिम दिन जब मैच आरंभ हुआ तो भारत को चार विकेट चटकाने थे और इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन बनाने थे। लेकिन मोहम्मद सिराज की खतरनाक गेंदबाजी के कारण वे सफल नहीं हो सके। भारत के लिए दूसरी पारी में यशस्वी जयसवाल ने शानदार शतक लगाकर 118 रन बनाये। उनके अतिरिक्त आकाशदीप ने 61 और जडेजा ने 53 रनों की पारी खेली। इस पारी में भी इंग्लैंड की तरफ से टंग ने 5 विकेट हासिल किये। इस पारी में मोहम्मद सिराज ने 5 और प्रसिद्ध कृष्णा ने 4 विकेट लिये।
374 रनों की पीछा करने के लिए हैरी ब्रुक्स के 111 और जो रूट के 106 रनों की बेहतरीन परियों के बावजूद भी इंग्लैंड जीत हासिल नहीं कर सकी। मैच में खेला गया जब अंतिम ओवर आरम्भ हुआ तो इंग्लैंड को जीत के लिए 7 रन और भारत को विजय के लिए 1 विकेट की दरकार थी। नौ विकेट गिरने के बाद इंग्लैंड के क्रिस वोक्स जिस साहस के साथ इंग्लैंड की पारी बचाने के लिए मैदान में उतरे , उसकी सराहना किये बिना नहीं रहा जा सकता। घायल कंधे के साथ एक हाथ से खेलते हुए दर्द और पीड़ा के निशान उनके चेहरे पर स्पष्ट रूप से देखे जा सकते थे।
मोहम्मद सिराज ने जैसे ही गस एटकिंसन को क्लीन बोल्ड किया तो 1100 से ज्यादह गेंदें फेंकने वाले सिराज स्वयं भी बच्चों की तरह उछलने लगे।