नई दिल्ली। 11 जुलाई। रेलवे भर्ती बोर्ड (Railway Recruitment Board , आरआरबी) ने सात अलग-अलग अधिसूचनाओं के तहत नवंबर 2024 से अब तक 55,197 रिक्तियों के लिए 1.86 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों की कंप्यूटर आधारित परीक्षा ( Computer Based Test, सीबीटी) आयोजित की है। इस परीक्षा के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2025-26 में 50,000 से अधिक नियुक्तियों का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में आरआरबी द्वारा 9,000 से अधिक नियुक्तियाँ अब तक की जा चुकी हैं।
आरआरबी परीक्षाओं के लिए सीबीटी आयोजित करना एक बड़ा कार्य है, जिसमें काफी योजना और समन्वय की आवश्यकता होती है। आरआरबी ने हाल ही में परीक्षार्थियों को उनके नजदीकी परीक्षा केंद्र आवंटित करने की पहल शुरू की है। रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ने योजनाबद्ध तरीके से कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) आयोजित किये , जिसके जरिये परीक्षार्थियों को उनके निवास स्थान के करीब परीक्षा केंद्र आवंटित किए गये। इस कार्य में महिला और दिव्यांग (PwBD) उम्मीदवारों को विशेष प्राथमिकता दी गयी।
ज्ञातव्य है कि 2024 से अब तक RRB द्वारा जारी 12 अधिसूचनाओं के तहत 1,08,324 रिक्तियों के लिए विज्ञापन निकाले जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त RRB के वार्षिक कैलेंडर के अनुसार, अगले वित्तीय वर्ष 2026-27 में 50,000 से अधिक नयी नियुक्तियाँ दीं जाने का भी प्रस्ताव है।
इन नियुक्त्यियों की प्रक्रिया में परीक्षा की निष्पक्षता बनी रहे , इसके लिए ई-केवाईसी (e-kyc) आधारित आधार (card) प्रमाणीकरण का पहली बार इतने बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया है। इस प्रावधान के कारण 95 प्रतिशत से अधिक सफलता दर प्राप्त की गयी है। इन सभी परीक्षा केंद्रों में नकल और गड़बड़ी रोकने के लिए मोबाइल जैमर लगाये जाने की व्यवस्था की गयी है ताकि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से धोखाधड़ी की संभावना को समाप्त किया जा सके। भारतीय रेल में विभिन्न पदों के लिए भर्ती परीक्षाएँ आयोजित करने के लिए रेलवे भर्ती बोर्ड (RRBs) ही जिम्मेदार होता है।
इस बीच, पश्चिम मध्य रेलवे, भोपाल की पेशकश पर यात्रियों की पहचान सत्यापित करने के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा नवीनतम दिशा निर्देश जारी किये गये हैं जिसके अनुसार mAadhaar मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग किया जा रहा है। इस कदम का उद्देश्य अनधिकृत यात्रा और नकली आधार कार्ड या किसी और के नाम पर बुक किये गये टिकटों के दुरुपयोग को रोकना है। प्रौद्योगिकी की मदद से पहचान सत्यापन की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा विकसित mAadhaar ऐप एक प्रभावी उपकरण के रूप में कार्य करेगा, जो वास्तविक समय में पहचान प्रमाणीकरण के लिए उपयोगी होगा, जैसा कि विज्ञप्ति में बताया गया है। यह ऐप क्यूआर कोड आधारित पहचान की सुविधा भी प्रदान करता है। इसके उपयोग से यात्री के आधार कार्ड की प्रामाणिकता को तेजी और विश्वसनीयता से सत्यापित किया जा सकता है।
यह एप जल्द ही हैंडहेल्ड टर्मिनल्स (HHT डिवाइसेज) पर भी उपलब्ध होगा ताकि आरक्षित टिकटों और पहचान पत्रों के दुरुपयोग को रोका जा सके और यात्रियों की वास्तविक पहचान सुनिश्चित की जा सके।