रूस में स्थित भारतीय विद्यार्थी जबरन यूक्रेन युद्ध में झोंके गये !

रूस में स्थित भारतीयों  को जबरन यूक्रेन युद्ध में धकेले जाने के समाचार मिल रहे हैं। ऐसा ही एक समाचार तब प्राप्त हुआ जब राजस्थान से मास्को में रुसी भाषा सीखने के लिए अजय नाम का एक विद्यार्थी नवम्बर 2024 में रूस पहुँचा।

रूस में स्थित भारतीयों  को जबरन यूक्रेन युद्ध में धकेले जाने के समाचार मिल रहे हैं। ऐसा ही एक समाचार तब प्राप्त हुआ जब राजस्थान से मास्को में रुसी भाषा सीखने के लिए अजय नाम का एक विद्यार्थी नवम्बर 2024 में रूस पहुँचा।

बीकानेर से रूस में पढ़ाई के लिए गये इस विद्यार्थी ने दावा किया है कि उसे जबरन युद्ध में उतारा गया है। उसने दो वीडियो भी परिवार को भेजे हैं जिसमें वह सेना की वर्दी में नजर आ रहा है। उसने दावा किया है कि यहाँ उसके जैसे और भी कई विद्यार्थी हैं। रूस यूक्रेन युद्ध में उसके एक दोस्त की मौत भी हुई है। वीडियो सामने आने के बाद से परिवार परेशान है। माँ-बाप का रो-रो कर बुरा हाल है। वह सरकार से अपने इकलौते बेटे को वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं।

नवंबर 2024 में मास्को गया अजय बीकानेर के अर्जुनसर गाँव का रहने वाला है। अजय ने बताया कि नवंबर के बाद उन्हें और उनके कुछ दोस्तों को रूसी सरकार ने एक ट्रेनिंग के लिए भेजा। ट्रेनिंग के बाद उन्हें युद्ध के लिए रवाना कर दिया गया।

उसने 11 सितंबर को दो वीडियो परिवार को भेजे थे। पहले वीडियो में अजय कहता दिखाई दे रहा है कि वह अभी यूक्रेन में है। उसे 3 महीने की ट्रेनिंग लेने की बात कहते हुए  रुसी अधिकारियों द्वारा कहा गया था कि हर हाल में युद्ध के मैदान में उतरना होगा। उसने बताया कि नौ भारतीय स्टूडेंट्स को भी ट्रेनिंग दी गयी थी। जब ट्रेनिंग लेने से मना किया तो रूसी सेना के जवानों ने साफ कह दिया कि आप यूक्रेन की धरती पर हो, आगे कोई सुनने वाला नहीं है। एक बार परिवार से बात कर लो। आशंका है कि यह मेरा लास्ट वीडियो हो।

दूसरे वीडियो में अजय बता रहा है कि हमारे ऊपर हवाई फायर हुए हैं। मिसाइलें दागी गयीं हैं, जिसमें (चार में से) एक तो वहीं खत्म हो गया। दो भाग गये और मैं रास्ता भटक गया। 8 दिन बाद मेरी बटालियन ने मझे ढूँढ कर अब सेना को सौंपा है जो अभी सेलीडोज सिटी के अंदर है। यह सिटी भी यूक्रेन में ही है। यहाँ रूस ने कब्जा कर रखा है। अभी तय नहीं है कि मुझे वापस आगे भेजेंगे या यहीं पर रखेंगे। हमारे साथ धोखा हुआ है।

अजय की माँ का कहना है कि हम कहाँ जाएँ ? कौन हमारी मदद करेगा ? हम सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि कैसे भी हमारे इकलौते बेटे को वापस लाया जाये हमारा उसके सिवाय और कोई भी नहीं है। उसको बहुत अरमानों के साथ पढ़ने के लिए भेजा था। पता नहीं था वह ऐसे वहाँ फँस जाएगा।

अजय के पिता का कहना है कि पिछले 15 दिन से उसका बेटे से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। ऐसे में उसे अपने बेटे की सलामती को लेकर भी चिंता है। उसे 3 महीने की सामान्य ट्रेनिंग बात कह कर सेना में भर्ती किया गया था।  यूक्रेन बॉर्डर पर यह कहकर बुलाया गया था यहाँ पर किचन का काम करना है। इसके बाद सीधे युद्ध में उतार दिया गया।

रूस यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से जंग जारी है। रुसी सेना पर वहाँ आये कई भारतीयों को लालच देकर सेना में भर्ती करने और जंग में धकेलने के आरोप लग रहे हैं। वहाँ फँसे युवाओं ने बताया कि रशियन आर्मी को मैनपॉवर उपलब्ध कराने वाला बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। यह नेटवर्क सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि श्रीलंका, नेपाल और  पाकिस्तान जैसे देशों के युवाओं को भी पैसे का लालच देकर फँसाता है। ये वो युवा है जो स्टडी वीजा पर पढ़ने या नौकरी की तलाश में रूस जाते हैं। फिर उन्हें जबरन रशियन आर्मी में भर्ती कर 10 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है और यूक्रेन के साथ युद्ध में धकेल दिया जाता है।

रूस में ऐसे बहुत से नेटवर्क एक्टिव हैं जो भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देशों के युवाओं को भी लालच देकर वहाँ की आर्मी में भर्ती करवाते हैं। वह लग्जरी लाइफ व बड़ी रकम देने का लालच देते हैं। श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान के साथ उज़्बेकिस्तान, किर्गिस्तान इत्यादि। लेकिन  उज़्बेकिस्तान, किर्गिस्तान के लोगों को रशियन आती है इसलिए वह उनके बहकावे में नहीं आते लेकिन भारत, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के लोग उनके बहकावे में आकर फँस जाते हैं। बीते कुछ दिनों में राजस्थान के अलावा हरियाणा और पंजाब के भी  कई वीडियो सामने आये हैं जिसमें युवक धोखे से उन्हें यूक्रेन युद्ध में धकेलना का दावा कर रहे हैं।

ऐसे वीडियो सामने आने के बाद 11 सितंबर 2025 को भारत के विदेश मंत्रालय ने एक एडवाइजरी भी जारी की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम अपने नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि वह सतर्क रहें। हम भारतीय नागरिकों से अपील करते हैं कि वह रुसी सेना में शामिल होने के किसी भी प्रस्ताव से दूर रहे। ऐसा करना जान जोखिम में डालने या खतरे से खेलने जैसा है।

मीडिया को इसी मामले से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने हाल ही में रुसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती के बारे में रिपोर्ट देखी है। सरकार ने पिछले 1 साल में कई मौकों पर इस तरह की कार्यवाई में निहित खतरों को रेखांकित किया है।

उन्होंने आगे कहा हमने दिल्ली और मास्को, दोनों जगह पर रूसी अधिकारियों के सामने भी यह मामला उठाया है।  हमने अनुरोध किया है कि इस प्रथा को समाप्त किया जाए। हमारे नागरिकों को वापस भेजा जाए। हम प्रभावित भारतीय नागरिकों के परिवारों के संपर्क में भी हैं ।