नयी दिल्ली , 5 जुलाई 2025 ! भारत ने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ बढ़ाने की धमकी पर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान जारी करके कहा है कि अमेरिका अपने परमाणु उद्योगों के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, उद्योग के लिए पैलेडियम उर्वरक और रसायन का आयात जारी रखे हुए हैं। यही हाल यूरोपियन यूनियन का है। ऐसे में भारत को निशाना बनाना गलत है।
इससे पहले ट्रंप ने भारत को यूक्रेन में मरने वाले लोगों का दोषी बताते हुए ज्यादा टैरिफ लगाने की धमकी भी दी। ट्रंप ने कहा था भारत रूस से सस्ता तेल खरीद कर उसे खुले बाजार में मुनाफे के साथ बेच रहा है। भारत को इस बात की कोई परवाह नहीं है कि रूस के हमले से यूक्रेन में कितने लोग मारे जा रहे हैं। इसलिए मैं भारत पर लगने वाले टैरिफ में भारी बढ़ोतरी करूँगा और जुर्माना भी लगाऊँगा ।
दरअसल कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत ने अमेरिका के दबाव बढ़ाने के कारण सोवियत रूस से तेल खरीदना लगभग बंद कर दिया है। इन दावों को खारिज करते हुए भारतीय न्यूज़ एजेंसी ANI ने कहा कि भारतीय कम्पनियाँ अभी भी रूस से तेल खरीद रही हैं । अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत पर 25 % टैरिफ लगाने का ऐलान किया है जो 1 अगस्त से लगाए जाने थे, अब 7 अगस्त से लागू होंगे।
इस विषय में यह भी जानें कि भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत एरिक गारसेटी का एक बयान सामने आया है कि पूर्व में यह अमेरिका की ही मंशा थी कि भारत रूस से तेल खरीदे, क्योंकि अमेरिका और यूरोपियन यूनियन का यह मानना था कि यदि रूस का तेल नहीं बिका तो विश्व में तेल की कमी हो जाएगी जिसकी वजह से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल के दाम बहुत बढ़ जाएँगे और इसका सीधा असर विश्व के दूसरे देशों के साथ यूरोप और अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर भी होगा।
1971 के भारत पाक युद्ध के समय भी , जब अमेरिका ने अपना सातवाँ बेड़ा भारत के खिलाफ भेजा था , तब भी इतनी कड़ी प्रतिक्रिया भारत ने नहीं दी थी। भारत सरकार के इस मुँहतोड़ जवाब पर अब अमेरिका की क्या प्रतिक्रिया होगी , यह देखना भी रोचक होगा।