जेल में बंद सांसद शेख अब्दुल राशिद को उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने की अनुमति मिली !

नयी दिल्ली , 6 सितंबर ! एक आतंकी फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद बारामुला से सांसद शेख अब्दुल राशिद, जिन्हें इंजीनियर राशिद के नाम से भी जाना जाता है, ने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव (9 सितंबर) में अपना वोट डालने के लिए दिल्ली की अदालत से अनुमति माँगी है। उन्होंने पटियाला हाउस स्थित विशेष एनआईए अदालत में अपनी अर्जी दायर की है।

उनके वकीलों का कहना है कि अदालत आज ही इस पर अपना आदेश सुना सकती है। चुनाव नियमों के अनुसार, सांसदों को उपराष्ट्रपति चुनाव में व्यक्तिगत रूप से वोट डालना जरूरी होता है। इसलिए राशिद के मामले में अदालत की अनुमति लेना आवश्यक है।

इससे पहले, राशिद को संसद के मानसून सत्र में हिस्सा लेने के लिए कई दिनों की हिरासत-परोल दी गयी थी। उस दौरान उन्होंने जेल में होने के बावजूद संसद की कार्यवाही में भाग लिया था।

राशिद ने 2024 लोकसभा चुनावों में बारामुला से मौजूदा मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराकर एक चौंकाने वाली चुनावी जीत दर्ज की।

राशिद पर वर्तमान में एक आतंक वित्तपोषण (Terror Funding) मामले में मुकदमा चल रहा है जिसकी जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी  (NIA) कर रही है। उसका नाम कथित तौर पर कारोबारी ज़ाहूर वटाली (जो इस मामले में सह-आरोपी हैं) की पूछताछ के दौरान सामने आया।

एन.आई.ए.  ने अक्टूबर 2019 में राशिद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी और मार्च 2022 में विशेष एनआईए अदालत ने उनके और अन्य के खिलाफ कई धाराओं के तहत आरोप तय किये थे। इनमें भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना), धारा 124ए (राजद्रोह) शामिल हैं। इसके अलावा, उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियाँ (निवारण) अधिनियम (UAPA) के तहत आतंकवादी गतिविधियों और टेरर फंडिंग से जुड़े अपराधों के आरोप भी लगे हैं।

अभी अभी समाचार मिला है कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इंजीनियर राशिद को 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने के लिए हिरासत में संसद जाने की अनुमति दे दी है। हालाँकि यह आदेश 4 सितंबर, 2025 को पारित कर दिया गया था लेकिन आज, शनिवार 6 सितम्बर को जारी किया गया। इस के अनुसार, राशिद को यात्रा व्यय के लिए तत्काल कोई भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। हालाँकि, उन्हें बाद में खर्च वहन करने का वचन देना होगा, जो कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा वर्तमान में आदेश के लिए आरक्षित अपीलों के परिणाम पर निर्भर करेगा।

कार्यवाही के दौरान राशिद की ओर से अधिवक्ता विख्यात ओबेरॉय उपस्थित हुए।  अदालत के आदेश से अब उनके लिए एक निर्वाचित सांसद के रूप में अपने अधिकारों का प्रयोग करने का रास्ता साफ हो गया है।

दूसरी ओर, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने संबंधित अधिकारियों को पंजाब के खडूर साहिब सीट से निर्वाचित जेल में बंद सांसद अमृतपाल सिंह के लिए आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव में डाक मतपत्र से वोट डालने के विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिये हैं। इस चुनाव के निर्वाचक मंडल के सदस्य अमृतपाल सिंह वर्तमान में असम की डिब्रूगढ़ जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत बंद हैं। सोमवार को केंद्रीय गृह सचिव और असम के मुख्य सचिव को लिखे एक पत्र में, चुनाव आयोग ने उन्हें निर्देश दिया कि मतदान के दिन 9 सितंबर को जेल में अमृतपाल सिंह को डाक मतपत्र दिया जाये। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सीलबंद मतपत्र उसी दिन शाम 6 बजे तक, मतगणना शुरू होने से पहले, दिल्ली में रिटर्निंग ऑफिसर के पास वापस भेज दिया जाये।

चुनाव आयोग ने सम्बंधित अधिकारीयों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं कि अमृतपाल सिंह को 9 सितम्बर को प्रातः 5.30 बजे से 7.30 बजे के बीच उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना मत देने की सुचारु व्यवस्था की जाए तथा वे यह भी सूचित करें डिब्रूगढ़ से इस मोहरबंद मतपत्र को लेकर कौन विशेष संदेशवाहक वायुमार्ग से नयी दिल्ली निर्वाचन अधिकारी तक पहुँचाएगा !

 

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