
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने छापे मार कर 10 आतंकी पकड़े !
शनिवार को जम्मू और कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट (CIK , Counter Intelligence Kashmir) ने आतंकवाद से जुड़े एक मामले में जम्मू और कश्मीर के बहुत से स्थानों पर छापेमारी की। जाँच के दौरान बडगाम, पुलवामा, गांदरबल और श्रीनगर जिलों के 10 स्थानों पर संदिग्ध सिग्नल्स ट्रेस किये गये।अब तक 10 संदिग्धों को पकड़ लिया गया है। जब्त किए गये डेटा के विश्लेषण के बाद जाँच आगे बढ़ेगी।
श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) 19 जुलाई। शनिवार को जम्मू और कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट (CIK , Counter Intelligence Kashmir) ने आतंकवाद से जुड़े एक मामले में जम्मू और कश्मीर के बहुत से स्थानों पर छापेमारी की। यह जानकारी जम्मू और कश्मीर पुलिस की एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गयी।
जाँच के दौरान बडगाम, पुलवामा, गांदरबल और श्रीनगर जिलों के 10 स्थानों पर संदिग्ध सिग्नल्स ट्रेस किये गये। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, संदिग्ध लोग संदेहास्पद एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग एप्लिकेशन का उपयोग करते पाए गये। जाँच में यह भी सामने आया कि कई संदिग्ध एक विशेष एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग एप्लिकेशन का उपयोग कर रहे थे, जो आमतौर पर आतंकवादियों और उनके विदेशी संचालकों द्वारा उपयोग किया जाता है। इसका इस्तेमाल संपर्क साधने, फंडिंग करने, और आतंकवाद से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा था। इस के माध्यम से आतंकवादी संगठनों में भर्ती भी की जाती थी।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार , “ये व्यक्ति और उपयोगकर्ता संदिग्ध रूप से उन (ऊपर उल्लिखित आतंकवादी एवं उनके विदेश में बैठे संचालक) लोगों के संपर्क में थे। इन व्यक्तियों और उपयोगकर्ताओं पर संदेह है कि वे दुश्मनों, जिनमें ‘अब्दुल्ला गाज़ी, जो कि पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का आतंकवादी कमांडर और संचालक है, भी शामिल है, के संपर्क में हैं। CIK द्वारा योजनाबद्ध ढंग से किये गये इस तलाशी अभियान में इस आतंकी भर्ती और फंडिंग नेटवर्क का तथ्य सामने आया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे आतंकी संगठनों के माड्यूल भी शामिल हैं, जो पाकिस्तान के एक ज्ञात शहर से संचालित हो रहा है। यह जानकारी एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग एप्लिकेशन के सर्वर की जाँच से प्राप्त हुई,” प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया।
विज्ञप्ति के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे आतंकवादी संगठनों की भर्ती और वित्त पोषण प्रणाली, जो पाकिस्तान के एक ज्ञात शहर से संचालित हो रही है, का खुलासा एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग एप्लिकेशन के सर्वर में झाँकने से हुआ है।
प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा गया कि आतंकवादी कमांडर और हैंडलर लगातार इन स्थानीय कश्मीरी युवाओं के संपर्क में था और कथित रूप से उन्हें आतंकवादी रैंकों में भर्ती के लिए कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहा था। यह आतंकवादी कमांडर और हैंडलर पाकिस्तानी ISI के साथ तालमेल बैठा कर काम कर रहा था।
प्रेस विज्ञप्ति में यह भी बताया गया कि इस मामले की जाँच से संबंधित बड़ी मात्रा में कागज़ी सबूत और डिजिटल उपकरण जब्त किए गये हैं। “अब तक 10 संदिग्धों को पकड़ लिया गया है। जब्त किए गये डेटा के विश्लेषण के बाद जाँच आगे बढ़ेगी।
इस विषय में यह भी जान लें कि अमेरिका ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी ग्रुप दि रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। साथ ही इसे डेजिग्नेटिड ग्लोबल टेरेरिस्ट की लिस्ट में भी शामिल कर दिया है। अमरीकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शुक्रवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया TRF लश्कर का ही एक मुखौटा और प्रोक्सी संगठन है। TRF ने 22 अप्रैल 2025 को भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गये थे। यह हमला 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में लश्कर की ओर से किया गया सबसे घातक हमला था। बयान में यह बताया गया कि TRF ने भारतीय सुरक्षा बलों पर कई हमलों की जिम्मेदारी ली है। इसमें साल 2024 का सबसे बड़ा हमला भी शामिल है। अमेरिका का यह फैसला राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के आह्वान का ही भाग है। भारत ने अमेरिका के इस कदम का स्वागत किया है।
TRF भारत में पहले से ही आतंकवादी संगठन घोषित है जो लश्कर और जैश-ए- मोहम्मद के Cadre (चुने हुए आतंकियों) को मिलाकर बनाया गया है। यह संगठन कश्मीरियों, कश्मीरी पंडितों, हिंदुओं की हत्या की कई घटनाओं में शामिल है। TRF 2019 में J & K में धारा 370 हटाए जाने के बाद ज्यादा एक्टिव हो गया है और लश्कर के स्थान पर हमलों की जिम्मेदारी अब TRF ही लेता है।
ऊपर 2024 का जो हमला उद्धृत किया गया है, वह भारत में प्रमुख आतंकी हमले में शुमार होता है, जिसमें जम्मू और कश्मीर के रेसी (Reasi), में 9 जून 2024 को श्रद्धालुओं से भरी एक बस पर गोलीबारी हुई। यह बस शिव खोरी गुफा से कटरा जा रही थी। इस हमले में 9 लोग मारे गये और 41 घायल हुए। इस हमलेकी जिंम्मेदारी पहले TRF ने ली थी पर बाद में इससे इनकार कर दिया। जम्मू‑कश्मीर पुलिस का मानना है कि यह LeT (लश्कर-ए-तोयबा) का कार्य था। इस हमले ने दर्शाया कि घाटी से हटकर जम्मू संभाग पर अब आतंकी गतिविधियाँ बढ़ रही हैं ।
ज्ञात हो कि जनवरी 2024 में भारत सरकार ने TRF को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था ।