मुंबई, 23 दिसंबर 2025 ! प्रसिद्ध हिन्दी लेखक और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ला का 23 दिसंबर को 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। विनोद कुमार शुक्ला को 2024 केलिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
उन्हें 2 दिसंबर को एम्स, रायपुर में भर्ती कराया गया था, जहाँ उन्हें श्वसन संबंधी समस्याओं का इलाज चल रहा था। 23 दिसंबर को शाम 4:58 बजे उनका निधन हो गया।
विनोद कुमार शुक्ला अपनी शांत और मानवीय लेखन शैली के लिए जाने जाते थे। उनकी प्रसिद्ध कृतियों में ‘नौकर की कमीज़’, ‘खिलेगा तो देखेंगे’, ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ और ‘एक चुप्पी जगह’ शामिल हैं। इन पुस्तकों ने अपनी सरल भाषा लेकिन गहरी भावनात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से आधुनिक हिन्दी लेखन को नई दिशा दी।
हिन्दी साहित्य में आजीवन योगदान के लिए शुक्ला को 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार भी प्रदान किया गया था। इस सम्मान के साथ वे छत्तीसगढ़ से ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले पहले लेखक बने।
विनोद कुमार शुक्ला अपने पीछे पत्नी, एक पुत्र और एक पुत्री छोड़ गए हैं।