जस्टिस सूर्यकांत भारत के नये मुख्य-न्यायाधीश नियुक्त !

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर 2025 ! भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नाम की सिफारिश कर दी है, जिससे भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गयी है। न्यायमूर्ति गवई 23 नवम्बर, 2025 को 65 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर अपने पद से सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने हाल ही में मुख्य न्यायाधीश गवई को पत्र लिखकर, अगले मुख्य न्यायाधीश के नाम की सिफारिश करने का अनुरोध किया था, जो स्थापित प्रक्रिया के अनुरूप है। भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति मेमोरैंडम ऑफ प्रोसिजर (MoP)—एक दस्तावेज़ जो सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्टों में न्यायाधीशों की नियुक्ति, स्थानांतरण और पदोन्नति की रूपरेखा तय करता है—के अनुसार की जाती है।

MoP के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश, जिन्हें इस पद के लिए उपयुक्त माना जाता है, को अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में सिफारिश किया जाता है। इसी परंपरा के अनुसार न्यायमूर्ति गवई के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत को सर्वोच्च न्यायिक पद के लिए सिफारिश की गयी है। राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक नियुक्ति के बाद, न्यायमूर्ति सूर्यकांत 24 नवंबर, 2025 को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार ग्रहण करेंगे और लगभग 15 महीनों तक, 9 फरवरी, 2027 तक, इस पद पर बने रहेंगे।

10 फरवरी, 1962 को जन्मे न्यायमूर्ति सूर्यकांत का न्यायिक और विधिक करियर अत्यंत प्रतिष्ठित रहा है। सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति से पहले वे हरियाणा के महाधिवक्ता (Advocate General) रहे और बहुत कम आयु में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता (Senior Advocate) का दर्जा दिया गया था। वर्तमान में, न्यायमूर्ति सूर्यकांत कई महत्वपूर्ण सँस्थागत भूमिकाओं में कार्यरत हैं — वे राँची स्थित नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ के विज़िटर हैं, और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के पदेन कार्यकारी चेयरमैन भी हैं।

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