
कश्मीर घाटी औपचारिक रूप से राष्ट्रीय माल ढुलाई रेल नेटवर्क से जुड़ी !
कश्मीर घाटी में रेल-आधारित लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि के तहत, भारतीय खाद्य निगम (FCI) की पहली खाद्यान्न मालगाड़ी रविवार को अनंतनाग गुड्स टर्मिनल पहुँची। इसके साथ ही क्षेत्र औपचारिक रूप से राष्ट्रीय माल ढुलाई रेल नेटवर्क से जुड़ गया।
अनंतनाग, (जम्मूऔर कश्मीर), 22, दिसंबर 2025 ! कश्मीर घाटी में रेल-आधारित लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि के तहत, भारतीय खाद्य निगम (FCI) की पहली खाद्यान्न मालगाड़ी रविवार को अनंतनाग गुड्स टर्मिनल पहुँची। इसके साथ ही क्षेत्र औपचारिक रूप से राष्ट्रीय माल ढुलाई रेल नेटवर्क से जुड़ गया।
एफ.सी.आई.कश्मीर के डिपो मैनेजर के.एल. मीना ने बताया कि इस ट्रेन में 21 वैगन शामिल थे और यह 1,300 मीट्रिक टन चावल लेकर आई थी। उन्होंने कहा कि इस रेल परिवहन से एफ.सी.आई. का काफी समय बचा है, क्योंकि सड़क मार्ग से परिवहन में कहीं अधिक समय लगता। भारत सरकार, रेल मंत्रालय और भारतीय खाद्य निगम के प्रयासों से यह रेक पहली बार यहाँ पहुँची है। उन्होंने आगे बताया कि आने वाले महीनों में ऐसी कई और रेक के पहुँचने की योजना है, जिससे हमारा समय और धन दोनों की बचत होगी।“ उन्होंने इसके लिए भारत सरकार, रेल मंत्रालय और भारतीय खाद्य निगम के प्रयासों के प्रति आभार व्यक्त किया।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, लगभग 1,384 टन खाद्यान्न से लदी यह मालगाड़ी (फ्रेट रेक) वैगनों में भरकर अजीतवाल रेलवे स्टेशन से रवाना की गई थी और सफलतापूर्वक अनंतनाग गुड्स टर्मिनल पहुँची। यह आवाजाही दक्षिण कश्मीर तक सीधे रेल मार्ग से थोक खाद्यान्न परिवहन की पहली मिसाल है।
मालगाड़ी का आगमन घाटी में खाद्यान्न की निर्बाध और कुशल आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, विशेषकर दूरदराज और पिछड़े क्षेत्रों के लिए। विज्ञप्ति में कहा गया है कि रेल-आधारित परिवहन न केवल बफर स्टॉक की आवाजाही की विश्वसनीयता बढ़ाएगा, बल्कि परिवहन लागत को भी कम करेगा, जिससे आपूर्ति शृँखला अधिक तेज और किफायती बनेगी।
विज्ञप्ति के अनुसार, यह विकास स्थानीय बाजारों को बढ़ावा देगा, क्षेत्रीय कृषि अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेगा और लॉजिस्टिक्स व उससे जुड़े क्षेत्रों में नए अवसर सृजित करेगा। अनंतनाग गुड्स टर्मिनल के चालू होने से आवश्यक वस्तुओं और अन्य सामानों की ढुलाई के लिए नए रास्ते खुले हैं, जिससे माल ढुलाई संचालन के विस्तार का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
यह पहल खाद्य सुरक्षा में सुधार, माल ढुलाई अवसंरचना के आधुनिकीकरण और टिकाऊ व कुशल रेल परिवहन के माध्यम से घाटी की देश के अन्य हिस्सों से संपर्क क्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे कश्मीर घाटी औपचारिक रूप से राष्ट्रीय माल ढुलाई रेल नेटवर्क से जुड़ी।
