इस्लामाबाद ! पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आज अरब न्यूज़ को दिये एक इंटरव्यू में एक बड़ा खुलासा करते हुए यह कबूल किया कि दोनों देशों के बीच हुए हालिया संघर्ष और तनावपूर्ण वातावरण के बीच चीन पाकिस्तान के साथ भारत के बारे में जानकारी साझा कर रहा था ! इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह बहुत सामान्य है कि पाकिस्तान ने मई में हुए भारत-पाक हवाई संघर्ष के दौरान चीन के साथ भारत संबंधित सैन्य फील्ड इंटेलिजेंस साझा की! आसिफ का कहना था कि यह आपकी सहयोग भिन्न-भिन्न अवसरों पर मिलने वाली चुनौतियों में परस्पर सैन्य सहयोग का भाग है, न कि चीन की इसमें कोई सीधी ऑपरेशनल भूमिका है ! ख्वाजा आसिफ ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच में हालिया सैन्य तनाव और भारत के खिलाफ ड्रोन/ हवाई हमलों के बीच पाकिस्तान पहले से ही हाई अलर्ट पर स्थित है ! ऐसा कहते हुए उन्होंने भारत के विरुद्ध किसी गुप्त योजना अथवा युद्ध की घोषणा से साफ इनकार किया और अपने उठाये हुए कदमों को सुरक्षा उपाय बताया !
वह हाल ही में पहलगाम हादसे के बाद भारत द्वारा 7-10 मई के बीच होने वाले ऑपरेशन सिन्दूर के तहत की गई कार्रवाई के संदर्भ में बात कर रहे थे !
एक मीडिया कर्मी ने ख्वाजा आसिफ से सवाल किया कि चीन के पास तो सैकड़ों सेटेलाइट हैं !जिन में से बहुत से खुफिया निगरानी के काम में लगे होते हैं ! ऐसा माना जाता है कि 40 से भी अधिक सैटेलाइट पाकिस्तान की मदद के लिए लगाये गये थे ! क्या यह सच है ?
इस पर ख्वाजा ने कहा कि चीन के सैटेलाइट या तकनीकी विशेषज्ञ लड़ाई में शामिल नहीं थे ! चीन ने केवल सॅटॅलाइट ख़ुफ़िया जानकारी साझा की थीं ! लेकिन ज़मीन पर संघर्ष का 100% पाकिस्तान ने स्वयं संचालन किया था !पाकिस्तान चाहे कुछ भी दावा करे किन्तु सत्य तो यही है कि वह चीन की मदद के बिना भारत के ख़िलाफ़ अकेले दम पर युद्ध की क्षमता नहीं रखता है !
चीन पाक की साँठ-गाँठ का सबूत :- इस विषय में भारतीय रक्षा मंत्रालय से संबंधित जुड़ी संस्था सेंटर फॉर जॉइंट वाॅरफेयर स्टडीज ( CENJWS ) का दावा है कि चीन ने पाकिस्तान को सेटेलाइट डाटा वह हवाई रक्षा सहायता भी प्रदान की थी! चीन के याओगन – 41 जैसे उपग्रह ने भारतीय सैनिक गतिविधियों को ट्रैक करके यह जानकारियाँ पाकिस्तान को दीं जो उसकी रणनीति को तय करने में सहायक रहीं ! चीन ने पाकिस्तान को उसकी राडार व मिसाइल सिस्टम को सही करने में भी सहायता की जिससे वह भारतीय हवाई हमलों को भी बेहतर तरीके से ट्रैक करने में कामयाब हुआ! चीन पाकिस्तान के अंतरिक्ष कार्यक्रम को सँवारने में भी मदद कर रहा है ! उसने पाकिस्तान के पहले ऑप्टिकल रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट को लॉन्च करने में पाकिस्तान की मदद की ! पाकिस्तान का पहला अंतरिक्ष यात्री भी 2028 में चीन के तियागोंग अंतरिक्ष स्टेशन जाने को तत्पर है !
भारत की चुनौतियाँ :-चीन की पाकिस्तान के साथ साँठ-गाँठ भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है ! इस कारण भारत को दो मोर्चों पर एक साथ ध्यान रखना पड़ता है! चीन के सहयोग से ही पाकिस्तान अपने ड्रोन और मिसाइल हमलों को दिशा दे सका, हालाँकि भारत ने अपनी तकनीकी दक्षता से उसके हमलों को नाकाम कर दिया ! भारत ने इन चुनौतियों को गंभीरता से लेकर अपनी सैन्य क्षमताओं में इजाफा किया है ! मई के संघर्ष में भारत ने अपने 10 उपग्रहों का प्रयोग कर के पाकिस्तान की सैनिक गतिविधियों की निगरानी की ! हालाँकि अंतरिक्ष चीन की अंतरिक्ष क्षमता भारत से अधिक है लेकिन हम भी अपनी क्षमताओं गतिपूर्वक इजाफा कर रहे हैं ! इसरो अगले 5 वर्षों में 52 सेटेलाइट की श्रृंखला लांच करने की योजना बना रहा है, जिसमें नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टलेशन सिस्टम (naviC) जिसे देश में नाविक के नाम से पहिचाना जाता है, भी शामिल होगा!