गढ़चिरोली (महाराष्ट्र),14 अक्टूबर 2025 ! सी.पी.आई. (माओवादी) के वरिष्ठ नेता और पोलित ब्यूरो के सदस्य मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू ने मंगलवार को महाराष्ट्र के गढ़चिरोली में 60 माओवादी कैडरों के साथ हथियार डाल कर आत्मसमर्पण कर दिया। यह कदम केंद्र सरकार के साथ शांति की दिशा में संभावित पहल का संकेत देता है। यह नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की मुहिम की बड़ी सफलता और माओवादियों के लिए करारा झटका है। सोनू पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। उसके समर्पण से अबूझमाड़ में नक्सलियों की कमर टूट गयी है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने सोमवार देर रात (13 अक्तूबर) पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति का एक सदस्य और एक संभागीय समिति के 10 सदस्य शामिल हैं।
इससे पूर्व, सितंबर में राव ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर हथियार छोड़ने की अपनी मंशा जतायी थी, और उन्हें छत्तीसगढ़ व भारत के अन्य हिस्सों में बड़ी सँख्या में माओवादी कैडरों का समर्थन भी प्राप्त हुआ था। माना जाता है कि अपने बड़े भाई शीर्ष माओवादी नेता किशनजी की मौत के बाद वेणुगोपाल ने पश्चिम बंगाल में, खासकर लालगढ़ आंदोलन के दौरान, ऑपरेशन ग्रीन हंट के खिलाफ सीपीआई (माओवादी) के सशस्त्र प्रतिरोध की कमान सँभाली थी। वर्षों से उन्हें माओवादी पदानुक्रम में एक प्रमुख रणनीतिकार और विचारक माना जाता रहा, जो अधिकतर मध्य भारत के घने जंगलों में सक्रिय रहे, जिनमें छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना और ओडिशा के कुछ हिस्से शामिल हैं।
तेलंगाना के मूल निवासी वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू ने एक पत्र में कार्यकर्ताओं से खुद की जान बचाने को लेकर आह्वान किया था, जिस कारण हथियार छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने को लेकर माओवादियों में एक दरार उजागर हुई। कहा जाता है कि एक पत्र में उन्होंने अपने साथियों से कहा था कि वर्तमान परिस्थितियों में सशस्त्र संघर्ष जारी रख पाना आसान नहीं है। उन्हें छत्तीसगढ़ और देश के अन्य हिस्सों में माओवादी कार्यकर्ताओं के एक बड़े हिस्से का समर्थन हासिल था। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सोनू को भाकपा (माओवादी) के उत्तर उप-क्षेत्रीय और पश्चिम उप-क्षेत्रीय ब्यूरो से समर्थन मिला, जिन्होंने अब मुख्यधारा में लौटने के लिए अपनी रुचि दिखायी ।
राव ने औपचारिक शांति वार्ता शुरू करने से पहले सरकार से विचार-विमर्श के लिए एक महीने का समय माँग कर, इस बीच सरकार से पार्टी कैडरों के खिलाफ सशस्त्र अभियानों को निलंबित करने की अपील की थी लेकिन, उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश, केंद्र सरकार ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया; बल्कि, उन्होंने अपने हमलों की तीव्रता बढ़ा दी। ”
उन्होंने कहा, “मैं हथियार डाल रहा हूँ और भारत में उत्पीड़ित लोगों को राहत प्रदान करने वाले आंदोलनों का हिस्सा बनूँगा। मार्च 2025 के अंतिम सप्ताह से हमारी पार्टी सरकार के साथ शांति वार्ताओं में शामिल रही है।
गौरतलब है कि सोनू ने यह कदम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और देश भर की राज्य सरकारों के नेतृत्व में पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे निरंतर अभियानों के दबाव में उठाया है जिसके कारण उन्हें हथियार डालने पर मजबूर होना पड़ा है। अपने हथियार डालने का संकेत उन्होंने सितंबर में ही एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर के दे दिया था। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक उन्हें (वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू) को छत्तीसगढ़ और देश के अन्य हिस्सों में माओवादी कैडरों के एक बड़े हिस्से से समर्थन मिला।
पुलिस के अनुसार सोनू ने 15 अगस्त को एक मौखिक और लिखित बयान जारी कर दावा किया था कि वे युद्धविराम के लिए तैयार हैं। मीडिया सूत्र बताते हैं कि पिछले हफ्ते ऐसी भी खबरें आयी थीं कि वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
सूत्रों के अनुसार वेणुगोपाल उर्फ भूपति उर्फ सोनू को माओवादी संगठन के सबसे प्रभावशाली रणनीतिकारों में से एक माना जाता था और वह लंबे समय से महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर प्लाटून अभियानों की निगरानी करते थे । हालाँकि , उन्होंने बताया कि हाल के महीनों में उसके और शीर्ष नक्सल नेतृत्व के बीच बढ़ते मतभेदों के कारण आंतरिक संघर्ष हुआ।
उधर सुरक्षाबलों का नक्सलियों पर ताबड़तोड़ एक्शन जारी है। इससे पहले छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के बासागुड़ा थाना क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने कार्रवाई करते हुए आठ सक्रिय नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। इन गिरफ्तार नक्सलियों में से तीन पर तीन लाख का इनाम घोषित था। इस दौरान गिरफ्तार नक्सलियों के कब्जे से टिफिन बम, डेटोनेटर, सेफ्टी फ्यूज, कार्डेक्स वायर, बैटरी, बिजली के तार, जमीन खोदने के औजार, एवं शासन विरोधी नारों वाले पाम्पलेट और बैनर बरामद किए गये।
सरकार की प्रबल इच्छाशक्ति इसी भाँति कायम रही तो भारत से नक्सल आंदोलन को नेस्तनाबूद करने में अधिक वक़्त नहीं लगेगा।