देहरादून, 26 जुलाई, 2025 ! उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की एक प्रेस विज्ञप्ति में शनिवार को यह बताया गया कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के तहत विवाह पंजीकरण में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि UCC कानून न केवल समाज को कानूनी रूप से संगठित बनाता है, बल्कि यह महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उनके हितों को सुरक्षित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम भी है। UCC के तहत प्रत्येक पंजीकरण सामाजिक सशक्तिकरण का प्रतीक है।
उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 को यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू किया गया था। उस के बाद से विवाह पंजीकरण में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गयी है। इस सिविल कोड के लागू होने समय से अब तक लगभग 6 महीनों में कुल 3,01,526 विवाह यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) अधिनियम के तहत पंजीकृत किये जा चुके हैं।
गौरतलब है कि UCC (समान नागरिक संहिता) के लागू होने से पहले, वर्ष 2010 से 26 जनवरी 2025 यानि लगभग 15 वर्षों तक उत्तराखंड विवाह पंजीकरण अधिनियम 2010 के तहत कुल 3,30,064 विवाह पंजीकृत किए गये थे, जिनका औसत मात्र 67 प्रतिदिन था। जबकि यह संख्या अब, UCC लागू होने के साथ ही, प्रतिदिन औसतन 1,634 विवाह पंजीकरण की है, जो पिछले सिस्टम की तुलना में कई गुना अधिक है।
इसका मूल कारण है कि UCC लागू होने के साथ ही विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया को अधिक सरल, पारदर्शी और प्रभावी बना दिया गया है। इसी कारण नागरिकों में विवाह पंजीकरण को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।
नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने यूसीसी के तहत विवाह पंजीकरण की समय सीमा को भी पहले निर्धारित 6 माह से बढ़ाकर 1 वर्ष कर दिया है। इस संबंध में विधान और संसदीय कार्य विभाग द्वारा एक अधिसूचना भी जारीकर दी गयी है।