तियानजिन (चीन), 30 अगस्त 2025 ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपनी जापान की यात्रा पूरी करके चीन पहुँचे। मोदी ने इस यात्रा के माध्यम से 7 वर्षों बाद चीन की धरती पर कदम रखा है। वे यहाँ 31 अगस्त को शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री 1 सितम्बर को भारत लौटेंगे।
तियानजिन एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी चीन के प्रधान मंत्री ली कियांग ने की। लाल कालीन बिछाकर उनका पारंपरिक अंदाज में स्वागत किया गया। चीनी कलाकारों ने पारंपरिक तरीके से लाल रूमाल हाथ में लेकर उनके सम्मान में नृत्य किया, साथ ही उन्होंने भारतीय वाद्य यंत्रों जैसे संतूर, तबला और सितार पर धुन बजाकर पीएम का स्वागत किया।
पीएम के एयरपोर्ट से तियानजिन पहुँचने पर होटल में भारतीय समुदाय की ओर से उनका शानदार सत्कार हुआ। इस दौरान ‘भारत माता की जय’ और ‘वन्दे मातरम’ के नारे भी लगे। मोदी ने हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन स्वीकार किया और भारतीय समुदाय से गर्मजोशी के साथ मुलाकात की।
दुनिया की निगाहें इस दौरे पर सिर्फ एससीओ समिट पर नहीं हैं बल्कि मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की द्विपक्षीय वार्ता पर भी टिकी हैं। 1 सितम्बर को मोदी की मुलाकात राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी होगी। माना जा रहा है कि ऊर्जा और टैरिफ का मसला भी उठ सकता है।
प्रधानमंत्री का ये दौरा अहम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि इससे भारत-चीन संबंधों पर जमी बर्फ पिघलने की आशा है। वर्तमान में जो परिस्थितियाँ बनी हुई हैं, उसमें चीन और भारत के संबंधों में काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। 7 साल बाद दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष आमने-सामने होंगे लेकिन बिल्कुल बदली हुई परिस्थितियों में, जिसे लेकर पूरी दुनिया की नजर इस दौरे पर टिकी है।
चीन की दो दिन की इस यात्रा पर प्रधानमंत्री के चीन पहुँचने पर सोशल मीडिया पर मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कई यूजर्स ने मोदी की अमेरिका के ऑपरेशन के खिलाफ डट कर खड़े होने की तारीफ की जबकि कुछ ने भारत पर शक भी जाहिर किया। चूँकि चीन में इंटरनेट पर कड़ा प्रतिबन्ध लागू है, मीडिया ने अपनी टीम के माध्यम से वीबो और डोयिन (टिक टॉक) के माध्यम से मोदी की इस यात्रा पर चीन की जनता की प्रतिक्रियाएँ प्राप्त कीं।
चीन के कड़े नियंत्रण वाले सरकारी और स्पेशल मीडिया से यही दिखता है कि भारत के लिए चीन और अमेरिका के साथ रिश्तों में संतुलन बनाना आसान नहीं है। अमेरिका नयी दिल्ली को अपनी इंडो पेसिफिक रणनीति का हिस्सा अहम हिस्सा मानता है।
सोशल मीडिया पर मोदी के इस दौरे को लेकर उत्साह स्पष्ट नज़र आया। एक लोकप्रिय वीबो पोस्ट में लिखा था भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 7 साल बाद चीनी यात्रा ने बहुत ध्यान खींचा है। यूजर्स ने खास तौर पर मोदी के अमेरिका के टैरिफ के खिलाफ रुख की तारीफ की। डोयिन पर एक वीडियो के साथ लिखा गया था, “मोदी का यह कदम इस बार सचमुच बहुत सख्त है। ” एक और यूजर ने पूछा, “50% टैरिफ के खिलाफ डटे मोदी ने समझौता करने से इनकार कर दिया। क्या भारत भी चीन के मॉडल को अपनाकर अमेरिका को झुकने पर मजबूर कर सकता है ?”
खबरें तो यह भी आयी हैं कि हाल ही में मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप के चार फोन कॉल्स का जवाब नहीं दिया। इससे उनकी छवि और मजबूत हुई। एक वीबो पोस्ट में लिखा गया कि मोदी ने इस बार असामान्य रूप से कड़ा रुख दिखाया। डोयिन पर एक और यूजर ने कहा – मोदी ने ट्रंप के चार फोन कॉल्स ठुकरा दिए। इस बार अमेरिका ने सच में गलती कर दी और भारत इस बेइज्जती को बर्दाश्त नहीं करेगा ।
चीनी यूजर्स ने भारत की स्वतंत्र नीतियों की भी तारीफ की जैसे रूस से सस्ता तेल खरीदना। चीनी स्कॉलर गाओ झिकाई का इंटरव्यू खूब वायरल हुआ। इसमें वे कहते हैं – ” भारतीय बेवकूफ नहीं बेवकूफ नहीं हैं । अमेरिकियों को हमेशा भारत को यह सीख देने की कोशिश नहीं करनी चाहिए कि उसे कैसे रहना चाहिए।”
लेकिन तारीफ के साथ उम्मीदें भी बड़ी रहीं। कई चीनी यूजर्स ने कहा कि मोदी को 3 सितंबर को तियान आनमेन स्क्वायर में होने वाले उस कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए जिसमें जापान के औपचारिक आत्म समर्पण के बाद द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के 80 साल पूरे होने पर जश्न मनाया जाएगा ।
एक वायरल वीबो पोस्ट में कहा गया, “क्या आपने गौर किया कि तियानजिन समिट में हिस्सा लेने वाले लगभग सभी नेता इस एंटी-जापान विक्ट्री कमेमोरेशन में जाएँगे लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नजर नहीं आ रहे। इसका मतलब क्या है ? इसका मतलब है कि भारत सचमुच चीन से दोस्ती नहीं करना चाहता।”
चीन के अंतरराष्ट्रीय मामलों के स्कॉलर, प्रोफेसर जिन कैनरोंग ने कहा की आने वाले समय में भारत चीन रिश्तो की दिशा दो बातों पर निर्भर करेगी, पहला, क्या मोदी 3 सितंबर की सैन्य परेड में शामिल होंगे या नहीं ? दूसरा, क्या भारत बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI ) का विरोध छोड़ता है या नहीं ? भारत इसका विरोध करता है क्योंकि यह POK से होकर गुजरता है।