एस.सी.ओ. में भाग ले कर मोदी भारत रवाना !

तिआनजिन (चीन), 1 सितम्बर 2025 ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी जापान और चीन की यात्रा का समापन करके तिआनजिन हवाईअड्डे से नयी दिल्ली के लिए उड़ान भरी । प्रधानमंत्री का चीन यह ऐतिहासिक दौरा बहुत ही खास रहा। वे अपनी दो दिवसीय जापान की यात्रा के बाद दो दिवसीय चीन दौरे पर पहुँचे थे, जहाँ उन्होंने तियानजिन में आयोजित शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) समिट में हिस्सा लिया। साथ ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत कई वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। उन्होंने तियानजिन में हुए SCO समिट में आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाया और भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट किया। मोदी ने अपने दौरे को “प्रोडक्टिव विजिट” बताया और कहा कि उन्होंने यहाँ भारत का “अहम वैश्विक मुद्दों” पर रुख स्पष्ट किया है।

तियानजिन में हुए SCO समिट में उन्होंने आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाया और भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट किया। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में “डबल स्टैंडर्ड” छोड़ने की अपील की ।  उन्होंने पाकिस्‍तान के पीएम शहबाज शरीफ को बिना उनका नाम लिये आतंकवाद के मुद्दे पर घेरा । पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है । हाल ही में, हमने पहलगाम में आतंकवाद का सबसे बुरा रूप देखा । पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह न सिर्फ भारत की अंतरात्मा पर हमला था बल्कि हर उस राष्ट्र के लिए खुली चुनौती है जो मानवता में विश्वास करता है ।

प्रधानमंत्री ने SCO के लिए “S से सिक्योरिटी, C से कनेक्टिविटी और O अपॉर्चुनिटी” के रूप में एक नया फुल-फॉर्म भी पेश किया । प्रधानमंत्री मोदी ने यहाँ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अलावा कई वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत की।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने सदस्य देशों को संबोधित करते हुए संगठन की प्रगति और भविष्य की दिशा पर जोर दिया।  उन्होंने कहा कि SCO ने अपने विकास और सहयोग में ऐतिहासिक सफलताएँ हासिल की हैं, जो इसकी ताकत को दर्शाती हैं। शी जिनपिंग ने बताया कि शंघाई सहयोग संगठन अब दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन बन चुका है। इसकी पहुँच और प्रभाव बढ़ने से सदस्य देशों के बीच एकता मजबूत हुई है।

चीन में SCO की बैठक में भारत की कूटनीति का महत्वपूर्ण  प्रभाव दिखा। साझा घोषणापत्र में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की बात कही गयी। भारत की बड़ी उपलब्धि यह रही कि साझा घोषणापत्र में पहलगाम हमले की निंदा की गयी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि आतंकी संगठनों का संरक्षण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

चीन दौरे के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “चीन की एक उपयोगी यात्रा का समापन, जहाँ मैंने SCO शिखर सम्मेलन मे हिस्सा लिया और कई विश्व नेताओं के साथ बातचीत की।” साथ ही, भारत के रुख को अहम वैश्विक मुद्दों पर स्पष्ट किया। उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, चीनी सरकार और वहाँ की जनता को समिट के सफल आयोजन के लिए धन्यवाद भी दिया।

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा ऐसे समय हुआ जब भारत-अमेरिका संबंध पिछले दो दशकों में सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी और भारत के खिलाफ उनकी लगातार आलोचनाओं ने इस तनाव को और गहरा दिया है। ऐसे में चीन और रूस के साथ भारत के रिश्ते और ज्यादा अहम माने जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद चीन से दिल्ली के लिए रवाना हो गये हैं। सम्मेलन की सबसे बड़ी उपलब्धि आतंकवाद के मुद्दे पर बनी आम सहमति रही, जहाँ घोषणा पत्र में आतंकवाद की कड़ी निंदा की गयी।

 

 

 

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