सूरत। 7 हजार करोड़ रुपए के बजट वाले सूरत में गटर में गिरने से मासूम बच्चे की मौत की घटना का पूरे शहर में गहरा असर देखने को मिल रहा है। अब सूरत महानगरपालिका के प्रशासनिक व्यवस्था शहर के विभिन्न इलाकों में गड्ढे और टूटे हुए गटर के ढकन पर आनन फ़ानन में बैरिकेड्स लगाना शुरू कर दिया है।
वरियाव स्थित पंपिंग स्टेशन पर 24 घंटे बाद केदार का शव मिलने की घटना के बाद पुलिस ने गटर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और मनपा ने रांदेर जोन के कार्यकारी अभियंता तेजस पटेल समेत चार कर्मचारियों को नोटिस भी जारी किया है। पुलिस और मनपा की कार्रवाई के बावजूद जब नागरिकों में काफी गुस्सा है तो आज सुबह से ही महानगर पालिका शहर के विभिन्न इलाकों में गड्ढे और टूटे हुए गटर के ढकन पर बैरिकेडिंग लगाए गए। लोगों के बीच इस बात को लेकर भी गहन चर्चा का दौर शुरू हो गया है कि संभावित दुर्घटना को देखते हुए मनपा प्रशासन अचानक नागरिकों की जान-माल को लेकर चिंतित क्यों हो गया है। अभी तक महानगर पालिका के ठेकेदारों और अधिकारियों ने ऐसे गड्ढों और टूटी नालियों को लेकर किसी तरह की सक्रियता नहीं दिखाई थी, लेकिन आज सुबह से इस तरह के काम से ऐसा लग रहा है कि अधिकारियों को अब अपनी जिम्मेदारी का एहसास हो गया है।
चार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी
सूरत महानगरपालिका के मेयर दक्षेश मावाणी ने कहा कि वरियाव में दो साल के बच्चे की मौत के मामले में मनपा आयुक्त ने कार्रवाई की है। चार मनपा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। रांदेर जोन के कार्यपालक इंजीनयर तेजस पटेल समेत डिप्टी इंजीनियर नीतिन चौधरी, जुनियर इंजीनयर राकेश पटेल और सुपरवाइजर चेतन राणा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सभी अधिकारी और कर्मचारियों को सात दिन में नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है। ऐसे में लोगों में चर्चा है कि फिर से एक बार मनपा द्वारा नोटिस का खेल खेलकर दिखावा कर मामले को शांत करने का प्रयास किया जा रहा है।