
धधकता नेपाल – प्रधानमंत्री का इस्तीफ़ा !
नेपाल धधक रहा है। कम से कम 19 लोगों की मौत हो गयी और 500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. ओली ने इस्तीफा दे दिया है । समाचार लिखते लिखते यह भी खबर मिली है कि राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी इस्तीफ़ा दे दिया है। प्रदर्शनकारी माँग कर रहे हैं कि काठमांडू के मेयर बालेन्द्र शाह को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया जाये।
काठमांडू (नेपाल), 9 सितंबर ! काठमांडू महानगर के मेयर बालेन्द्र शाह ‘बालेन’ ने प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों के बीच ;जनरेशन-ज़ी’ (Gen Z) के प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने की अपील की है।
एक फेसबुक पोस्ट में मेयर शाह ने चल रहे विरोध प्रदर्शन को पूरी तरह से ‘जनरेशन-ज़ी आंदोलन’ बताते हुए कहा कि सरकार का इस्तीफा पहले ही मिल चुका है। उन्होंने लिखा, “प्रिय जनरेशन-ज़ी, आपकी सरकार के इस्तीफे की माँग पूरी हो चुकी है। अब समय है संयम बनाए रखने का।”
उन्होंने सार्वजनिक और निजी संपत्ति को और नुकसान से बचने की चेतावनी भी दी। शाह ने कहा, “देश की संपत्ति का नुकसान, वास्तव में हमारी अपनी संपत्ति का नुकसान है। अब यह बहुत ज़रूरी है कि हम सभी संयम से काम लें।”
उन्होंने युवा पीढ़ी पर ज़ोर देते हुए कहा कि उन्हें जिम्मेदारी और धैर्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए। युवा पीढ़ी की नेपाल के भविष्य के नेतृत्व को आकार देने में भूमिका पर ज़ोर देते हुए, शाह ने उनसे रचनात्मक रूप से जुड़ने का आग्रह किया।
उन्होंने सेना प्रमुख के साथ वार्ता की संभावना का भी उल्लेख किया और कहा, “लेकिन याद रखें – ऐसी बातचीत केवल संसद के विघटन के बाद ही होनी चाहिए।”
उनका यह संदेश ऐसे समय आया है जब पूरे देश में ‘जनरेशन ज़ेड’ के युवाओं द्वारा भ्रष्टाचार, स्वतंत्रताओं पर प्रतिबंध और पुलिस हिंसा के खिलाफ जवाबदेही की माँग करते हुए विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों के कारण कई हताहत और देशभर में व्यापक व्यवधान उत्पन्न हुए हैं, जैसा कि द हिमालयन टाइम्स ने रिपोर्ट किया।
द हिमालयन टाइम्स ने जानकारी देते हुए बताया नेपाली कांग्रेस की सरकार के मुखिया नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. ओली ने इस्तीफा दे दिया है क्योंकि देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार दूसरे दिन हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी रहे। ओली ने कल,मंगलवार दोपहर को अपने इस्तीफ़े की घोषणा की थी जिसे नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया है।
ओली का इस्तीफ़ा ऐसे समय में आया है जब ‘जनरेशन ज़ेड’ (Gen Z) के युवाओं के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की माँग है कि भ्रष्टाचार, सरकारी पाबंदियों और पुलिस की कथित लापरवाही व दुर्व्यवहार पर जवाबदेही तय की जाये।
पिछले दो दिनों में ये प्रदर्शन तेज़ी से बढ़ गये हैं, जिसके चलते कम से कम 19 लोगों की मौत हो गयी और 500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। ये झड़पें संघीय संसद और काठमांडू शहर के अन्य भागों में हुईं हैं।
स्थिति यह बतायी जा रही है कि सारा नेपाल धधक रहा है। नेपाल के मंत्रियों के घरों को भी जलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ओली के घर में भी आग लगा दिए जाने की तस्वीरें सामने आ रहीं हैं। संसद भवन के साथ नेपाल सरकार के कार्यालय सिंह दरबार को भी प्रदर्शनकारियों के रोष का सामना करना पड़ा है और उसको भी आग के हवाले कर दिया गया। पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को भी पीटा गया और वे घायल हुए पड़े हैं।
अभी अभी जानकारी मिली है कि पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल के घर में भी आग लगा दी गयी थी। कहा जा रहा है कि उनकी पत्नी राजलक्ष्मी को बुरी तरह पीटा गया था जिसके कारण उनकी मौत हो गयी है।
द काठमांडू पोस्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुङ के घर में आग लगा दी, उपप्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री बिष्णु पौडेल के निवास पर पत्थरबाज़ी की, नेपाल राष्ट्र बैंक के गवर्नर बिस्व पौडेल के घर को निशाना बनाया और पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक के घर पर हमला किया।
नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने 19 लोगों की मौत की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए सोमवार की शाम को कैबिनेट मीटिंग के दौरान ही प्रधानमंत्री ओली को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया था।
इससे पहले, द काठमांडू पोस्ट ने रिपोर्ट किया कि प्रदर्शनकारियों ने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरंग के घर में आग लगा दी, उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री बिष्णु पौडेल, नेपाल राष्ट्र बैंक के गवर्नर बिस्वो पौडेल के आवास पर पथराव किया और पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक के घर पर हमला किया।
द हिमालयन टाइम्स ने बताया, नेपाली कांग्रेस के केंद्रीय कार्यालय, सानेपा में, कल, मंगलवार दोपहर को तोड़फोड़ की गयी। प्रदर्शनकारियों ने नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के बुढानीलकंठ स्थित घर पर भी हमला किया।
द हिमालयन टाइम्स ने यह भी रिपोर्ट किया कि प्रदर्शनकारियों ने ललितपुर के च्यासल में सीपीएन-यूएमएल के राजनीतिक दल के कार्यालय पर भी हमला किया।
हालाँकि प्रशासन द्वारा घाटी भर में कर्फ्यू लगाने और भारी सुरक्षा बलों की तैनाती के बावजूद विरोध प्रदर्शन जारी रहे। ये प्रदर्शन लगातार बढ़ते गये, जिससे सरकार पर भारी दबाव पड़ा और अंततः ओली को इस्तीफा देना पड़ा।
समाचार लिखते लिखते यह भी खबर मिली है कि प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन, जिसे शांति भवन कहा जाता है को भी आग के हवाले कर दिया। कुछ अपुष्ट समाचारों के अनुसार, हालाँकि इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी इस्तीफ़ा दे दिया है।
इस बीच, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) के अध्यक्ष रवि लामिछाने को नख्खु जेल से बाहर लाकर प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए बुलाया गया, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने जेल को घेर लिया था। लमिछाने, जिन्हें एक सहकारी बचत मामले में हिरासत में लिया गया था, ने सोशल मीडिया पर साझा किए गये एक वीडियो में भीड़ को संबोधित किया।
इसके अलावा, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि देशभर में हो रहे व्यापक प्रदर्शनों के बीच लोग संयम बनाए रखें। अधिकारियों ने उन परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है और घायलों के प्रति सहानुभूति प्रकट की है।
अपील में कहा गया, “प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली का इस्तीफ़ा स्वीकार किए जाने के बाद, हम सभी नागरिकों से ईमानदारी से अपील करते हैं कि वे शांत रहें और जीवन व संपत्ति को और अधिक नुकसान से बचाएँ। हम सभी संबंधित पक्षों से भी आह्वान करते हैं कि वे संवाद के माध्यम से शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान खोजें।”
प्रदर्शनकारियों ने नेपाली संसद के दोनों सदनों में आग लगा दी है ।
बताया जाता है कि प्रदर्शनकारी माँग कर रहे हैं कि काठमांडू के मेयर बालेन्द्र शाह को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया जाये।