नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने किया कीर्ति चक्र सम्मानित कैप्टन सुनील कुमार चौधरी के सम्मान में लोकोमोटिव का नामकरण !

नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) ने 7/11 गोरखा राइफल्स के शहीद कैप्टन सुनील कुमार चौधरी के सर्वोच्च बलिदान और शौर्य को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके सम्मान में एक लोकोमोटिव का नामकरण किया है। सेना मेडल और कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित कैप्टन चौधरी के सम्मान में सिलीगुड़ी डीज़ल लोकोमोटिव शेड में WDP4B लोकोमोटिव संख्या 40024 का पुनर्नामकरण किया गया।

गुवाहाटी, 23 दिसंबर 2025 ! नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) ने 7/11 गोरखा राइफल्स के शहीद कैप्टन सुनील कुमार चौधरी के सर्वोच्च बलिदान और शौर्य को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके सम्मान में एक लोकोमोटिव का नामकरण किया है। सेना मेडल और कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित कैप्टन चौधरी के सम्मान में सिलीगुड़ी डीज़ल लोकोमोटिव शेड में WDP4B लोकोमोटिव संख्या 40024 का पुनर्नामकरण किया गया।

एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, असम में उग्रवाद-रोधी अभियानों के दौरान कैप्टन सुनील कुमार चौधरी ने असाधारण साहस और नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया था, जिसके लिए उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया गया। कर्तव्य की सीमा से परे दिखाए गए अद्वितीय शौर्य और सर्वोच्च बलिदान के लिए उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र प्रदान किया गया।

4500 हॉर्सपावर क्षमता वाला उच्च-गति WDP4B ट्विन-स्ट्रोक डीज़ल लोकोमोटिव अपनी निरंतर और विश्वसनीय कार्यक्षमता के लिए जाना जाता है। एन.एफ.आर. ने इस लोकोमोटिव का नामकरण कर राष्ट्र के प्रति कैप्टन चौधरी के योगदान और बलिदान को चिरस्थायी सम्मान देने की पहल की है।

यह लोकोमोटिव प्रतिकूल परिचालन परिस्थितियों में भी अपनी निरंतर और विश्वसनीय कार्यक्षमता के लिए जाना जाता है और यह दृढ़ता, सहनशक्ति तथा सेवा जैसे मूल्यों का प्रतीक है, ऐसे मूल्य जो भारतीय रेलवे और सशस्त्र बलों दोनों के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं। यह बात नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कपिंजल किशोर शर्मा ने कही।

सी.पी.आर.ओ. कपिंजल किशोर शर्मा ने आगे कहा कि इस लोकोमोटिव को समर्पित कर एनएफआर सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों के उन जवानों के साहस और बलिदान का सम्मान करता है, जो आंतरिक और बाहरी खतरों से राष्ट्र की रक्षा करते हैं।

एन.एफ.आर. के सी.पी.आर.ओ. ने यह भी कहा कि यह समर्पण उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए विशेष महत्व रखता है, ये ऐसे क्षेत्र हैं जिनका गोरखा रेजिमेंट्स के साथ लंबा और गहरा संबंध रहा है। गोरखा रेजिमेंट्स की भूमिका भारत की रणनीतिक सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण रही है।

शर्मा ने आगे कहा कि इस लोकोमोटिव को समर्पित करने के माध्यम से एनएफआर सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों के उन जवानों के साहस और बलिदान का सम्मान करता है, जो आंतरिक और बाहरी खतरों से राष्ट्र की रक्षा करते हैं।

नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे के सीपीआरओ ने कहा, “यह समर्पण उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए विशेष महत्व रखता है, ये ऐसे क्षेत्र हैं जिनका गोरखा रेजिमेंट्स के साथ लंबा और गहरा संबंध रहा है। गोरखा रेजिमेंट्स की भूमिका भारत की रणनीतिक सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और क्षेत्र में शांति व स्थिरता बनाए रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण रही है।”

वे आगे यह भी कहते हैं कि भारतीय रेलवे, जो कि राष्ट्र की जीवनरेखा है और उत्तर-पूर्व में संपर्क का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, गौरवपूर्वक इस शौर्यपूर्ण विरासत से स्वयं को जोड़ता है।
सी.पी.आर.ओ. ने कहा, “जब लोकोमोटिव संख्या 40024 रेलवे नेटवर्क पर चलेगा, तो यह एक चलता-फिरता श्रद्धांजलि बनेगा, जो रेलवे कर्मियों और नागरिकों,दोनों को भारतीय सशस्त्र बलों के सैनिकों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदानों की याद दिलाता रहेगा।”