
ऑयल इंडिया ने अंडमान अपतटीय ब्लॉक में पहली बार प्राकृतिक गैस मिलने की सूचना दी !
ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL), जो पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत एक महारत्न कंपनी है, ने शुक्रवार को अंडमान शैलो ऑफशोर ब्लॉक में दूसरी खोजी कुँए की ड्रिलिंग में प्राकृतिक गैस की उपस्थिति की रिपोर्ट दी। यह कंपनी के चल रहे अन्वेषण अभियान में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नयी दिल्ली, 27 सितंबर 2025! ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL), जो पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत एक महारत्न कंपनी है, ने शुक्रवार को अंडमान शैलो ऑफशोर ब्लॉक में दूसरी खोजी कुँए की ड्रिलिंग में प्राकृतिक गैस की उपस्थिति की रिपोर्ट दी। यह कंपनी के चल रहे अन्वेषण अभियान में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह कदम भविष्य की अन्वेषण और ड्रिलिंग रणनीति तय करने में मदद करेगा। कंपशोर ब्लॉक में वर्तमान अन्वेषण अभियान के दौरान हाइड्रोकार्बन की यह पहली घटना है। कंपनी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि विजयपुरम-2 नामक यह कुँआ ऑफशोर अंडमान ब्लॉक AN-OSHP-2018/1 में खोदा गया था। यह ओपन एक्रेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (OALP) के तहत आता है। प्रारंभिक परीक्षणों में गैस के नमूने लेने के बाद प्राकृतिक गैस की उपस्थिति की पुष्टि हुई और अब यह अध्ययन जारी है कि कुँए से निकल रही गैस कहाँ से आ रही है ! कंपनी अंडमान ऑफशोर के इस क्षेत्र में 10,000 वर्ग किलोमीटर में सक्रिय रूप से खोज कर रही है।
कंपनी ने यह भी जोड़ा कि वह ब्लॉक में उच्च संभावनाओं वाले क्षेत्रों की अतिरिक्त जाँच कर रही है ताकि रिपोर्ट की गयी उपस्थिति का अधिक गहराई से मूल्यांकन किया जा सके।
OIL ने कहा कि गैस की उत्पत्ति को समझने के लिए आगे की जाँच, जिसमें गैस आइसोटोप अध्ययन भी शामिल है, की जा रही है। इन अध्ययनों से यह स्पष्ट होगा कि गैस किसी स्रोत, प्रवासन मार्ग या हाइड्रोकार्बन के संचयन से संबंधित है या नहीं।
प्रारंभिक आकलन के अनुसार, यह हाइड्रोकार्बन के स्त्रोत या प्रवास मार्ग या संचय की उपस्थित का एक प्रमुख संकेतक हो सकता है। यह भविष्य की अन्वेषण और ड्रिलिंग रणनीति में मदद करेगा। कंपशोर ब्लॉक में वर्तमान अन्वेषण अभियान के दौरान हाइड्रोकार्बन की यह पहली घटना है।
कंपनी ने बताया कि अब तक ऑयल इंडिया ने असम, राजस्थान, महानदी और अंडमान में कुल 57 कुओं की ड्रिलिंग पूरी कर ली है. इसमें असम में 5,900 मीटर और अंडमान में 4,200 मीटर गहराई तक ड्रिलिंग शामिल है. कंपनी की योजना है कि इस ब्लॉक में और खोज जारी रहे और नए स्तर की जाँच के जरिए उत्पादन क्षमता बढ़ाई जाए।
भारत के अन्वेषण रोडमैप के लिए यह निष्कर्ष महत्वपूर्ण हैं। ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) ने कहा कि आगे का विश्लेषण, जिसमें गैस आइसोटोप अध्ययन शामिल है, गैस की उत्पत्ति को समझने के लिए किया जा रहा है। ये अध्ययन यह स्पष्ट करने की उम्मीद है कि गैस की उपस्थिति किसी स्रोत, प्रवास (migration) मार्ग या हाइड्रोकार्बन के संचय से जुड़ी हुई है या नहीं।