इको सेंसिटिव जोन का विरोध, वराछा में सरदार प्रतिमा के पास प्रतीक धरना दिया

इको सेंसिटिव जोन के कारण किसानों को काफी दिक्कतें आ रही हैं। इसे लेकर समय-समय पर राज्य भर में विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिल रहे हैं

सूरत। इको सेंसिटिव जोन के कारण किसानों को काफी दिक्कतें आ रही हैं। इसे लेकर समय-समय पर राज्य भर में विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिल रहे हैं। इको सेंसिटिव जोन में आने वाले गांवों के कई किसान विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनके रिश्तेदार सूरत में रहते हैं। वराछा इलाके में आज प्रदर्शन के दौरान 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है।

इको सेंसिटिव जोन होने के कारण किसानों को नुकसान का डर सता रहा हैं। सरकार ने गिर-सोमनाथ, जूनागढ़ और अमरेली के 196 गांवों को इको सेंसिटिव जोन घोषित किया है। जिसका गांव के किसान विरोध कर रहे हैं। सूरत में रहने वाले गिर सोमनाथ, जूनागढ़ और अमरेली के किसानों ने इको सेंसिटिव जोन को हटाने की मांग करते हुए बड़ी संख्या में नारे लगाए और विरोध प्रदर्शन किया। इको सेंसिटिव जोन का सूरत में रहने वाले लोग काफी समय से विरोध कर रहे हैं। आरोप लगाए जा रहे हैं कि अगर इको सेंसिटिव जोन लागू हुआ तो किसानों के लिए कई तरह की दिक्कतें खड़ी हो जाएंगी।

सूरत कांग्रेस नेता सुरेश सुहागिया ने कहा कि इको सेंसिटिव जोन घोषित होने से करीब 196 गांव इसके अंतर्गत आएंगे। जिससे किसानों को जब भी अपनी जमीन बेचनी होगी तो उन्हें वन अधिकारियों की अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा खुद की कृषि भूमि में बोरिंग या अन्य सुविधा बनाने में भी काफी दिक्कतें आएंगी। ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जायेगी कि हिंसक पशुओं से लड़ने वाले किसान इसका समुचित विरोध नहीं कर पायेंगे। इको जोन के कारण किसान अपनी जमीन का मालिक नहीं रहेगा। हम इसलिए विरोध कर रहे हैं।