आस्तीन के साँपों के दंश से घबराए  पाकिस्तान की संयुक्त राष्ट्र से बचाओ की गुहार

न्यूयॉर्क, 8 जुलाई।  पाकिस्तान के प्रमुख समाचारपत्र  ‘द डॉन’ के अनुसार  आतंकी खतरों से घबराए  पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र पहुँच कर गुहार लगाई है कि उस पर आतंकी हमले किये जा रहे हैं। और उसके पास पक्के  सबूत हैं कि ये हमले उसके द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के बीच बढ़ते सहयोग से किये जा रहे हैं। पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और मजीद ब्रिगेड संगठित होकर इन हमलों को अंजाम दे रहे है। ये समूह कथित रूप से अफगानिस्तान के ऐसे क्षेत्रों से संचालित हो रहे हैं जहाँ कोई शासन नहीं है। इन संगठनों के द्वारा पाकिस्तान के बुनियादी ढाँचे और विकास परियोजनाओं को निशाना बनाया जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को बताया कि ये समूह हाल के हफ्तों में पाकिस्तान पर हमलों में तेजी ला रहे हैं।

द डॉन’ के अनुसार असीम इफ्तिखार अहमद ने संयुक्त राष्ट्र समहासभा में कहा कि जिन हथियारों और उपकरणों को अंतरराष्ट्रीय बलों द्वारा 2021 में अफगानिस्तान से उनकी वापसी के बाद पीछे छोड़ गया गया था ,  उन हथियारों का प्रयोग अफगानिस्तान में आधार रखे आतंकवादियों द्वारा पाकिस्तान पर लगातार और भी व्यापक हमले करने के लिए किया गया है, जिनमें पिछले दो हफ्तों के हमले भी शामिल हैं । राजदूत अहमद ने यह भी कहा कि टीटीपी (Tehrik-i-Taliban Pakistan) — जिसके पास लगभग 6,000 लड़ाके हैं,  संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित सबसे बड़ा आतंकवादी समूह है जो अफगान भूमि से संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान ऐसा प्रजनन स्थल न बने जहाँ आतंकवादी पनपें और जो अपने पड़ोसियों और व्यापक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए खतरा बनें।”

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय शक्तियों को ऐसे “खलल डालने वालों” (spoilers) के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो इस क्षेत्र में संघर्ष को फिर से भड़का सकते हैं। ‘द डॉन’ ने आगे बताया।

आस्तीन के ये साँप जो पाकिस्तान ज़माने से भारत को काटने के लिए पाल रहा था , अब उसे ही डसने लगे हैं ।

अभी कुछ दिन पूर्व ही 28 जून को पाकिस्तान में आतंकवादी हिंसा की हालिया घटनाओं में उत्तर वज़ीरिस्तान में हुए एक आत्मघाती हमले में 16 सैनिकों की मौत हो गयी और बाजौर में एक सड़क किनारे बम विस्फोट में पाँच वरिष्ठ अधिकारियों की जान चली गयी , जिनमें एक सहायक आयुक्त भी शामिल था।

दशकों से पाकिस्तान भारत में आतंक को प्रायोजित करने में जी जान से जुटा हुआ है जबकि वह इसे बेशर्मी से नकारता रहा है । आज जब उसके कोढ़ में खाज हुई है तो उसे दर्द समझ में आया है । किन्तु फिर भी उससे यह उम्मीद लगाना कि वह सुधर जायेगा, ऐसा ही होगा जैसे बबूल के पेड़ में आम ढूँढ़ना ! पिछले दशक की पाकिस्तान की गतिविधियों पर नज़र डालें तो सीमा की लगातार छुट-पुट को छोड़ भी दीजिये , पाँच बड़ी आतंकी घटनाएँ पाकिस्तान की नीयत पर प्रकाश डालने वाली हैं ।

पठानकोट हमला –  2 जनवरी 2016 को पंजाब के पठानकोट एयर बेस पर 7 सुरक्षाकर्मियों को शहीद और 20 को घायल कर दिया था। जवाबी कार्यवाही में 4 आतंकी भी मारे गये ।

उड़ी हमला – 18 सितम्बर 2016 को उड़ी सेक्टर में भारतीय सैनिक कैंप पर कायराना हमला करके 19 जवानों की हत्या की थी,  जिसके जवाब में भारत ने एयर स्ट्राइक कर के पाकिस्तान को मुँह तोड़ जवाब दिया था ।

अमरनाथ यात्रियों पर हमला – 10 जुलाई 2017 को अमरनाथ जा रहे श्रद्धालुओं पर अनंतनाग जिले में आतंकियों के कायराना हमला किया और 7 लोगों की हत्या कर दी ।

पुलवामा हमला –  14 फरवरी 2019 को पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित पुलवामा हमले में CRPF बटालियन के 40 जवान शहीद हो गये थे । इसी हमले के मुँहतोड़ जवाब के माध्यम से भारत के विशेष बलों ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करके विश्व में एक नये भारत के उदय की घोषणा की थी।

पहलगाँव हमला – लेकिन इतने वर्षों बाद दुम  दबा कर बैठने के बाद पाकिस्तान का कटखना स्वाभाव फिर से उभर कर सामने आया जब उसने  पहलगाँव पर एक हमला प्रायोजित किया । इस बार यह हमला निरीह नागरिकों पर हुआ था जिसमें 26 मासूमों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा ! यह 22 अप्रैल 2025 की बात है। भारत ने भी इसके भी जवाब में पाकिस्तान के सैनिक रूप से अत्यंत संवेदनशील और  महत्वपूर्ण 9 ठिकाने ध्वस्त कर दिए।

अब भी क्या आप आशा कर सकते हैं कि चोर चोरी से भले ही चला जाए लेकिन हेराफेरी से कभी नहीं जाएगा,

– क्योंकि वो कहावत चरितार्थ हो रही है -सौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली।

 

 

AfganistanPakistanSlammingTerrorismTTPUNO