
पाकिस्तान में प्रशिक्षित ISIS आतंकवादी अफगानिस्तान में गिरफ्तार !
अफगान सुरक्षा सूत्रों ने आई.एस.आई.एस. (ISIS) के एक आतंकवादी सईदुल्लाह की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उसने स्वीकार किया कि उसने तोरखम बॉर्डर क्रॉसिंग के माध्यम से अफगानिस्तान में प्रवेश करने से पूर्व पाकिस्तान में आतंकवादी प्रशिक्षण प्राप्त किया था। यह जानकारी टोलो न्यूज ने दी।
काबुल (अफगानिस्तान), 31 अक्टूबर 2025 ! अफगान सुरक्षा सूत्रों ने आई.एस.आई.एस. (ISIS) के एक आतंकवादी सईदुल्लाह की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उसने स्वीकार किया कि उसने तोरखम बॉर्डर क्रॉसिंग के माध्यम से अफगानिस्तान में प्रवेश करने से पूर्व पाकिस्तान में आतंकवादी प्रशिक्षण प्राप्त किया था। यह जानकारी टोलो न्यूज ने दी।
अधिकारियों द्वारा जारी एक वीडियो में, गिरफ्तार आतंकवादी ने स्वीकार किया कि उसने “मोहम्मद” नाम से नकली पहचान पत्र का उपयोग करके अफगानिस्तान में प्रवेश किया। उसने आगे खुलासा किया कि उसने पाकिस्तान के क्वेटा क्षेत्र में वैचारिक (ideological) और युद्धक (combat) प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
सईदुल्लाह ने वीडियो में कहा — “जब मैं नकली पहचान पत्र के साथ अफगानिस्तान में दाखिल हुआ, तो यहाँ मेरा नाम मोहम्मद था। क्वेटा में, जब मैं पहाड़ों पर गया, तो मुझे मानसिक रूप से प्रभावित करने के लिए काफी प्रयास किए गये।”
टोलो न्यूज के अनुसार इस गिरफ्तारी ने आतंकवादियों को शरण देने और उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करने की, पाकिस्तान की कथित भूमिका को लेकर क्षेत्रीय बहस को फिर से भड़का दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि डूरंड रेखा (Durand Line) के दोनों ओर आई.एस.आई.एस. के आतंकवादियों की लगातार हत्या और गिरफ्तारी इस्लामाबाद की मिलीभगत को उजागर करती है, जो अफगानिस्तान में असुरक्षा को बढ़ावा देने में संलिप्त है।
सैन्य विशेषज्ञ यूसुफ अमीन ज़ज़ई ने कहा, “मैं पूर्ण निश्चितता के साथ कह सकता हूँ कि अफगानिस्तान न तो आतंकवाद का स्रोत ही है और न ही उसका केंद्र। ये आतंकवादी इलाके से (किसी भी तरह) धन प्राप्त करते हैं और विभिन्न नामों से काम करते हैं।”
इसी तरह की भावना व्यक्त करते हुए राजनीतिक विश्लेषक नकीबुल्लाह नूरी ने कहा, “यह दर्शाता है कि पाकिस्तान के दावे झूठे हैं, और अब यह साबित हो चुका है कि आतंकवादी प्रशिक्षण का केंद्र पाकिस्तान और उसकी सरकार है।”
इस वर्ष 22 जनवरी को, अफगानिस्तान की सेंट्रल कमीशन फॉर सिक्योरिटी एंड क्लियरेंस ने रिपोर्ट किया था कि नए भर्ती किए गए आई.एस.आई.एस. लड़ाकों को कराची और इस्लामाबाद हवाई अड्डों से बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के जनजातीय इलाकों में स्थित प्रशिक्षण शिविरों में भेजा जा रहा था। रिपोर्ट में कहा गया कि इन लड़ाकों को क्षेत्रीय देशों, विशेष रूप से अफगानिस्तान में हमले करने के लिए तैयार किया जा रहा था।
