
पाकिस्तान का अमानवीय चरित्र – सुरक्षा बलों के रवैये से बलूचिस्तान में बच्ची की मौत !
द बलूचिस्तान पोस्ट के अनुसार बलूचिस्तान के उथल क्षेत्र में एक छोटी बच्ची की मौत हो गयी क्योंकि उसे समय पर चिकित्सकीय सहायता नहीं मिल सकी। यह देरी पाकिस्तान की सुरक्षा बलों द्वारा किए जा रहे लंबे सुरक्षा जाँचों के कारण हुई !
बलूचिस्तान (पाकिस्तान) 23 अक्टूबर 2025 ! पाकिस्तान के अमानवीय चरित्र की एक और गाथा सामने आयी है। पाकिस्तान अपने पड़ोसियों से छेड़ छड़ करने से कभी बाज़ नहीं आता, लेकिन अपने ही लोगों के प्रति उसकी हुक़ूमत का क्या रवैया है, इसका एक जलवा द बलूचिस्तान पोस्ट ने उजागर किया है। द बलूचिस्तान पोस्ट के अनुसार बलूचिस्तान के उथल क्षेत्र में एक छोटी बच्ची की मौत हो गयी क्योंकि उसे समय पर चिकित्सकीय सहायता नहीं मिल सकी। यह देरी पाकिस्तान की सुरक्षा बलों द्वारा किए जा रहे लंबे सुरक्षा जाँचों के कारण हुई !
द बलूचिस्तान पोस्ट के अनुसार, यह घटना मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात उथल चेकपॉइंट पर हुई। बलूचिस्तान से आने-जाने वाली कई यात्री बसों को रोक दिया गया था, और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जाँचें बहुत लंबी और कठोर थीं। इस समाचार के सन्दर्भ में हुई जाँच लगभग सुबह 3 बजे शुरू हुई और सूर्योदय तक चलती रही, जिससे यात्रियों को कई घंटे तक बिना किसी चिकित्सा या आपातकालीन सहायता के फँसे रहना पड़ा।
एक यात्री ने बताया कि बच्ची के माता-पिता ने बार-बार सुरक्षा अधिकारियों से अनुरोध किया कि उनकी बेटी की हालत बिगड़ रही है, लेकिन उनकी गुहार को नजरअंदाज कर दिया गया। यात्री ने बताया, “सैनिक बहुत धीरे-धीरे जाँच कर रहे थे। भोर होने से पहले खबर आयी कि एक बच्ची की तबीयत बहुत खराब हो गयी है। एक अन्य यात्री, जो उसी बस में था, ने बताया कि यह त्रासदी टल सकती थी अगर अधिकारियों ने वाहन को पास के अस्पताल तक जाने की अनुमति दे दी होती। उसने कहा, “हम सब अधिकारियों से बस को जाने देने की गुहार लगाते रहे क्योंकि लड़की बेहोश हो गयी थी। लेकिन उन्होंने कहा कि जाँच पूरी होने तक कोई वाहन नहीं जा सकता। कुछ समय बाद बच्चे की साँसें बंद हो गयीं।”
द बलोचिस्तान पोस्ट ने उद्धृत किया, “यात्रियों ने बताया कि उथाल चेकपोस्ट पर ऐसी देरी आम है, जहाँ बसों को अक्सर कई घंटों तक रोक कर रखा जाता है, चाहे यात्रियों की तबीयत खराब हो या कोई आपात स्थिति क्यों न हो। एक यात्री ने कहा, “अगर ये जाँचें सच में सुरक्षा के लिए हैं, तो कम से कम उन लोगों के लिए कोई व्यवस्था होनी चाहिए जो चिकित्सीय परेशानी में हों। ”
पाकिस्तान में स्थित मानवाधिकार समूह लंबे समय से पाकिस्तान की बलोचिस्तान में सुरक्षा नीतियों की आलोचना कर रहे हैं। उनके अनुसार इन नीतियों से आम नागरिकों को भारी पीड़ा झेलनी पड़ती है और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुँच बाधित होती है।
द बलूचिस्तान पोस्टके अनुसार लगातार ऐसी घटनाओं के बावजूद, पाकिस्तानी अधिकारियों ने अब तक कोई सुधार नहीं किया है और न ही इन सैन्य अभियानों की मानवीय कीमत को स्वीकार किया है।