सूरत. एक ओर बुधवार को जहां मनपा प्रशासन बीआरटीएस की नई 34 बसें लोकार्पण कर कर रहा था, तभी दूसरी ओर वेतन समेत विभिन्न मांगों को लेकर भेस्तान डिपो से चलने वाली बीआरटीएस की 110 बसों के चालक हड़ताल पर उतर गए। बस चालकों की अचानक हड़ताल से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि सार्वजनिक परिवहन कमेटी के अध्यक्ष सोमनाथ मराठे के आश्वासन पर सभी चालक दोपहर बाद काम पर लौट आए और बाधित बस सेवा पुनः शुरू होने से यात्रियों ने राहत महसूस की।
महानगरपालिका की ओर से शहर में सिटी बस और बीआरटीएस की बसों के परिचालन का काम अलग अलग एजेंसियों को सौंपा है। बुधवार को भेस्तान डिपो से 110 बसों का संचालन करने वाली जेबीएम इकोलाइफ मोबिलिटी सूरत प्रा.ली. एजेंसी के चालक अचानक हड़ताल पर उतर गए। हड़ताल के कारण यह बसें जिन रूटों पर चलती है वहां सार्वजनिक परिवहन सेवा बाधित हो गई। सुबह के समय बड़ी संख्या में नौकरीपेशा लोग और विद्यार्थी बसों में सफर करते हैं, ऐसे में उनकी परेशानी बढ़ गई। जानकारी मिलने पर मनपा की सार्वजनिक परिवहन कमेटी के अध्यक्ष सोमनाथ मराठे अधिकारियों के साथ भेस्तान डिपो पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से उनके समस्याओं के बारे में जानने का प्रयास किया तो पता चला की एजेंसी ने समयावधि बीत जाने के बाद भी वेतन नहीं चुकाया है। इसके अलावा बीआरटीएस रूट में निजी वाहनों के प्रवेश, लोगों के प्रवेश से हादसे होते रहते हैं, जिससे भी चालक परेशान है। मराठे ने बताया कि चालकों के वेतन में एक दिन की देरी हुई है। संबंधित एजेंसी को आदेश दे दिया गया है कि हर महीने दस तारीख तक वेतन चुका दिया जाए। वहीं, एजेंसी की लापरवाही या गलती के कारण मनपा को जो आर्थिक नुकसान भुगतान पड़ता है उसकी वसूली भी एजेंसी से की जाएगी। सोमनाथ मराठे ने यात्रियों को हुई तकलीफ के लिए मनपा की ओर से खेद जताया और प्रदर्शनकारी बस चालकों को दोबारा समय पर वेतन मिलने का आश्वासन देने पर चालकों ने हड़ताल समेट ली और काम पर लौट आए।