काकोरी कांड की 100वीं वर्षगाँठ पर स्वतंत्रता सेनानियों को प्रधानमंत्री मोदी की श्रद्धांजलि !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अंग्रेजों के खिलाफ हुए स्वतंत्रता संग्राम के सुप्रसिद्ध  काकोरी कांड में शामिल स्वतंत्रता सेनानियों को इसकी 100 वीं वर्षगांठ पर याद किया । प्रधानमंत्री ने ‘X’  पर एक पोस्ट में लिखा, “वे इस बात से नाराज़ थे कि किस तरह जनता का पैसा औपनिवेशिक शोषण को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।”

  • नई दिल्ली, 9 अगस्त ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अंग्रेजों के खिलाफ हुए स्वतंत्रता संग्राम के सुप्रसिद्ध  काकोरी कांड में शामिल स्वतंत्रता सेनानियों को इसकी 100 वीं वर्षगांठ पर याद किया और यह भी इंगित किया कि कैसे स्वतंत्रता सेनानियों के साहस ने अंग्रेजी हुकूमत के औपनिवेशिक शासन के खिलाफ लोगों में आक्रोश को जागृत और उजागर किया।
  • प्रधानमंत्री ने ‘X’  पर एक पोस्ट में लिखा, “वे इस बात से नाराज़ थे कि किस तरह जनता का पैसा औपनिवेशिक शोषण को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। उनका वीरतापूर्ण साहस हमेशा भारत की जनता द्वारा याद किया जाएगा,”  — नरेंद्र मोदी (@narendramodi) 9 अगस्त, 2025
  • एक समृद्ध भारत के निर्माण के संकल्प को दोहराते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम एक मजबूत और समृद्ध भारत के लिए उनके सपनों को पूरा करने के लिए लगातार काम करते रहेंगे।”
  • आज सुबह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी  राम प्रसाद बिस्मिल, चंद्र शेखर आज़ाद, अशफ़ाक़उल्ला खान और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी, जो इस ऐतिहासिक घटना में शामिल थे।
  • ‘X’ पर, अपनी एक पोस्ट में गृह मंत्री शाह ने कहा, “‘काकोरी ट्रेन एक्शन’ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में साहस, बलिदान और देशभक्ति का प्रतीक है। 9 अगस्त, 1925 को राम प्रसाद बिस्मिल जी, चंद्रशेखर आज़ाद जी और अशफाक़ उल्ला खान जी जैसे वीर नायकों ने ब्रिटिश लूट के खिलाफ क्रांति की मशाल जलायी, जिससे ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिल गयी। ”
  • राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी इस घटना में शामिल स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान से आने वाली पीढ़ियों में देशभक्ति की भावना हमेशा प्रेरित होती रहेगी।
  • काकोरी ट्रेन एक्शन या काकोरी कांड एक ट्रेन डकैती थी जो 9 अगस्त 1925 को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान लखनऊ के पास काकोरी गाँव में हुई थी।
  • यह डकैती क्रांतिकारी दल हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन द्वारा आयोजित की गयी थी और इस घटना में 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था। ब्रिटिश सरकार ने अंततः उन्हें फाँसी  की सजा सुनायी और इस घटना में मदद करने वाले लोगों को भी कड़ी सजा दी गयी।
  • डकैती का मुख्य उद्देश्य भारी करों के खिलाफ विरोध करना था, जो भारतीयों से वसूले जाते थे, और उस धन का उपयोग हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) के लिये  करना था, न कि उसे ब्रिटिशों के पास छोड़ देना।
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  • "He was outraged at how public money was being used to further colonial exploitation. His heroic courage will always be remembered by the people of India," the Prime Minister wrote in a post on ‘X’.”>
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