प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मालदीव पहुँचे !

माले,  25–26 जुलाई, 2025 । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज दो दिन के दौरे पर मालदीव पहुँचे। हवाई अड़े पर मालदीव के राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी वहाँ 26 जुलाई को मालदीव के साठवें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे।

नवंबर 2023 में राष्ट्रपति बनने के बाद  मोहमद मुइज्जू के कार्यकाल में पहली बार कोई विदेशी नेता मालदीव पहुँचे हैं। मोदी के स्वागत में स्थानीय कलाकारों ने पारम्परिक नृत्य किया। मोदी ने वहाँ भारतीय समुदाय के लोगों से भी भेंट की।

राष्ट्रपति मोहमद मुइज्जू के निमंत्रण पर  मालदीव पहुँचे प्रधानमंत्री मोदी की यह तीसरी मालदीव यात्रा है। पिछले कुछ समय से भारत और मालदीव के संबंधों में गिरावट आयी थी , जब मुइज्जू ने राष्ट्रपति चुनाव में ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया था, उन  रिश्तों में अब सौहार्दपूर्ण कूटनीतिक प्रयासों से तनाव के बाद  फिर से गर्माहट आयी प्रतीत होती हैं । यह भारत की “Neighbourhood First” नीति और क्षेत्रीय सुरक्षा वृद्धि की दिशा में एक गंभीर प्रयास है ।

दोनों देशों के संबधों में आयी खटास के कारण 2024 में भारतीय पर्यटकों की संख्या में 42% की गिरावट दर्ज हुई थी, मोदी की यात्रा के बाद भारत-मालदीव संबंधों में सुधार से पर्यटन को नयी गति मिल सकती है।  माले में भारत की कूटनीतिक स्थिति को अब मजबूती मिली है जिससे द्वीपसमूह क्षेत्र में भारत की क्षेत्रीय भूमिका पुनः सक्रिय हुई है ।

मालदीव आर्थिक संकट से जूझ रहा है , ऐसे में पी ऍम मोदी और मुइज़्ज़ू कई विकास समझौतों  पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। इनमें फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) प्रस्तावित है जिससे भारत–मालदीव के बीच मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता प्रारंभ होगी और मालदीव के विकास प्रोजेक्ट्स और आर्थिक सुधारों को बढ़ावा मिलेगा । हनिमाधू अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का विस्तार, जिसकी शुरुआत मोदी जी ने वर्चुअल माध्यम से की। व्यापार और ऊर्जा सहयोग, आरक्षण, विविध साझेदारियाँ , स्थलान्तरण, उद्यम, ऊर्जा, शिक्षा और तकनीक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया जायेगा।

मालदीव के विपक्ष ने भी प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का पुरजोर स्वागत किया है ! पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने कहा अगर भारत  नहीं होता  तो हमारी इकॉनमी बरदाद हो जाती और मालदीव दिवालिया हो गया होता !

मोदी की इस यात्रा से भारत की ‘विज़न सागर’ नीति  के अंतर्गत समुद्री सुरक्षा एवं आतंकवाद से मुकाबला करने शक्ति को बढ़ावा मिलेगा । मालदीव के साथ किये जाने वाले समझौतों में विशेष रूप से ड्रग तस्करी और आतंकवाद से निपटने हेतु सुरक्षा सहयोग पर भी ध्यान दिया जा रहा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा केवल राजनयिक सौहार्द ही नहीं, बल्कि भारतीय महाद्वीपीय समुद्री क्षेत्रीय रणनीति, आर्थिक साझेदारी को गहरा करने और बढ़ते चीन प्रभाव के बीच भारत की भूमिका को संजोने का एक स्पष्ट संकेत है। यह मालदीव यात्रा दोनो देशों के नये सिरे से सम्बंधों की शुरुआत के रूप में देखी जा सकती है।

 

 

 

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