राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर देशवासियों को प्रधानमंत्री की शुभकामनाएँ

नयी दिल्ली,23 अगस्त ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल स्पेस डे के मौके पर देशवासियों और वैज्ञानिकों को शुभ कामनाएँ दी और कहा कि यह दिन युवाओं में उत्साह और आकर्षण का अवसर बन चुका है। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए गर्व की बात है कि आज स्पेस सेक्टर में एक के बाद एक नये मील का पत्थर हासिल करना हमारी पहिचान बन गया है। उन्होंने विशवास जताया कि भारत जल्द ही गगनयान की उड़ान भरेगा और आने वाले समय में अपना स्पेस स्टेशन भी स्थापित करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में भारत ने इंटरनेशनल ओलिंपियाड ऑन एस्टॉनोमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IOAA) की मेजबानी की, जिसमें 60 से ज्यादा देशों के 300 युवा शामिल हुए और भारतीय युवाओं ने मेडल भी जीते। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इसरो ने Indian Space Hackathon और Robotics Challange जैसी पहल शुरू की है, जो युवाओं में अंतरिक्ष के प्रति रुचि बढ़ा रही है।

भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन : यह भी जान लें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने वर्ष 2024 में “भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन (Bharatiya Antariksh Hackathon – BAH)” की शुरुआत की। यह एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता है, जिसमें देशभर के छात्र अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी से जुड़े समस्याओं के समाधान खोजने के लिए टीम बनाकर भाग लेते हैं। यह हर साल नेशनल स्पेस डे (राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस) के अवसर पर आयोजित किया जाता है।

रोबोटिक्स प्रतियोगिता (Robotics Challange) :  ऐसे ही रोबोटिक्स प्रतियोगिता के अंतर्गत भी  ऐसे अंतरराष्ट्रीय या राष्ट्रीय स्तर के इवेंट होते हैं जहाँ छात्र और प्रोफेशनल लोग अपने बनाए रोबोट्स को प्रस्तुत करते हैं। इसमें रोबोट्स को विशेष कार्यों (जैसे बाधा पार करना, वस्तु उठाना, स्वचालित नेविगेशन करना) आदि  करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत सेमी क्रायोजेनिक इंजन और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन जैसी नयी टेक्नोलॉजी में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि जल्दी ही भारत गगनयान मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करेगा और आने वाले समय में अपना स्पेस स्टेशन भी स्थापित करेगा। उन्होंने कहा, “यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा का नया अध्याय होगा, भारत अब गहरे अंतरिक्ष की ओर बढ़ेगा, जहाँ मानवता के भविष्य के कई रहस्य छिपे हैं.”

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर भी रोशनी डाली  कि स्पेस-टेक (Space -Tech )  आम लोगों की जिंदगी को  कैसे आसान बना रहा है । उन्होंने कहा कि आज स्पेस-टेक सिर्फ रिसर्च तक ही सीमित नहीं है बल्कि नियंत्रण का भी हिस्सा बन चुकी है। फसल बीमा योजना में उपग्रह के माध्यम से आकलन, मछुआरों के लिए उपग्रह से जानकारी और सुरक्षा, आपदा प्रबंधन के साथ  प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान में जिओस्पेशयल डेटा का प्रयोग, ये सभी सामान्य नागरिकों के जीवन को आसान बना रहे हैं।

इस मौके पर इसरो चेयरमैन वी. नारायणन ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के मुताबिक आने वाले समय में भारत चंद्रयान-4 मिशन, वीनस ऑर्बिटर मिशन, और BIS नामक स्पेस स्टेशन की दिशा में काम करेगा। BIS स्पेस स्टेशन का पहला मॉड्यूल 2028 तक प्रक्षेपित होगा और 2035 तक यह पूरी तरह से कार्यशील हो जाएगा।

इसरो चेयरमैन ने बताया कि प्रधानमंत्री ने NGL (Next Generation Launchor )  को भी मंजूरी दे दी है। 2040 तक भारत न केवल चंद्रमा पर उतर  जाएगा बल्कि वहाँ से सुरक्षित वापसी भी करेगा। नारायणन ने कहा  कि तब तक भारतीय स्पेस प्रोग्राम किसी भी अन्य देश के अंतरिक्ष  कार्यक्रम के ही समान होगा।

इसरो प्रमुख ने गगन-यात्री कार्यक्रम का भी जिक्र किया और कहा कि एक भारतीय को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) भेजना एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि यह प्रधानमंत्री की सोच थी कि अपने रॉकेट को भेजने से पहले ही एक भारतीय को ISS भेजा जाए। इसी सोच के तहत शुभांशु शुक्ला को ISS भेजा गया और वह सुरक्षित लौट कर आये। उन्होंने कहा कि यह की गगनयान दल के चारों सदस्य हमारे लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है।

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