
लाल चौक पर गर्वीला तिरंगा !
जम्मू-कश्मीर में देशभक्ति का प्रदर्शन और राष्ट्रीय एकता का संदेश देने के लिए राजस्थान और गुजरात से आये दो व्यक्तियों ने यहाँ राष्ट्रीय ध्वज फहराया । 79वे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज देशभक्ति की प्रबल भावना से ओत प्रोत राजस्थान और गुजरात से यहाँ पहुँचे दो नौजवानों ने श्रीनगर के लाल चौक के ऐतिहासिक घंटाघर पर तिरंगा फहराया।
श्रीनगर,15 अगस्त 2025 ! जम्मू-कश्मीर में देशभक्ति का प्रदर्शन और राष्ट्रीय एकता का संदेश देने के लिए राजस्थान और गुजरात से आये दो व्यक्तियों ने यहाँ राष्ट्रीय ध्वज फहराया । 79वे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज देशभक्ति की प्रबल भावना से ओत प्रोत राजस्थान और गुजरात से यहाँ पहुँचे दो नौजवानों ने आज श्रीनगर के लाल चौक के ऐतिहासिक घंटाघर पर तिरंगा फहराया।
राजस्थान के युवा बलवीर सिंह बताते हैं कि सन 2015 से आज 10वीं वार उन्होंने लाल चौक पहुँच कर तिरंगा फहराया है। वह गर्वीले स्वर से कहते हैं कि सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान तो अभी शुरू किया है, किंतु हम तो यह कार्य वर्षों से कर रहे हैं। वह बताते हैं, “अभी तक हम लोग 20 लाख तिरंगे बाँट चुके हैं। और हमारा यह अभियान अभी भी जारी है।
गुजरात के निवासी अरुण कहते हैं, “हर वर्ष में यहाँ शांति और भाईचारे का संदेश लेकर आता हूँ। पाकिस्तान के आतंकी यहाँ शांति और एकता नहीं चाहते लेकिन मैं आशा करता हूँ कि शांति और भाईचारा यहाँ अवश्य स्थापित होंगे।
इस बीच जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर तिरंगा फहरा कर राष्ट्र को सम्बोधित किया, तो समस्त देश में भी यही गर्वीली भावना लहरा रही थी। अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि धारा 370 को हटा कर ‘एक देश एक संविधान’ की भावना को साकार किया गया।
साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में “ज़ीरो टॉलरेंस” (Zero Tolerance) की नीति को दोहराया — खासकर आतंकवाद के खिलाफ । उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता स्थापित कर दी है, और किसी भी परमाणु ब्लैकमेल या आतंक को बढ़ावा देने वालों को अब स्वीकार नहीं करेगा।
मोदी ने आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत यह तय कर चुका है कि ‘खून और पानी’ एक साथ नहीं बह पाएँगे। यह तीव्र और दृढ़ संदेश, विशेष रूप से सिंधु जल संधि को संदर्भित करते हुए उन्होंने दिया, जिससे उनके अनुसार भारत के किसानों को दशकों से नुकसान हो रहा है। यह वाक्य आतंकवाद और प्राकृतिक संसाधनों के अन्यायपूर्ण दुरुपयोग, दोनों के प्रति नये भारत के सख्त रुख को दर्शाता है।
उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” का भी जिक्र किया और कहा कि यह भारत की आक्रोश की अभिव्यक्ति थी — क्योंकि आतंकवाद का जवाब अब निर्णायक और सख्त होगा। इस सन्दर्भ में सेना को पूरी छूट दी गयी थी और उन्होंने सीमा पार दुश्मन ठिकानों पर कार्रवाई करते हुए वहाँ तबाही मचा दी।
प्रधानमंत्री मोदी के उद्बोधन में आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारतीय संकल्प में दृढ़ता, स्वाभिमान, और नये युग की मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की गारंटी की स्पष्ट झलक दृष्टिगोचर हो रही थी।