दिल्ली में गैंगस्टर्स के ख़िलाफ़ ताबड़तोड़ एक्शन !

नयी दिल्ली, 20 सितंबर 2025 ! ANI के अनुसार दिल्ली पुलिस ने  एक बड़ा अभियान चला कर दक्षिण-पूर्व राजधानी के कई स्थानों पर रातभर चली छापेमारी के दौरान 63 आरोपियों को गिरफ्तार किया। ताबड़तोड़ चले इस अभियान में मादक पदार्थ और हथियारों के तस्कर शामिल हैं।

दिल्ली-एनसीआर के साथ ही लगते क्षेत्रों में आपराधिक गतिविधियाँ बढ़ने के समाचार लगातार मिल रहे थे। इसमें कई गैंगस्टर्स के नाम अक्सर ही आते रहते हैं। इन्हीं गतिविधियों पर रोक लगाने के उद्देश्य से दिल्ली पुलिस योजनाबद्ध तरीके से  इन अपराधियों और उनके समर्थकों पर नकेल कसने की योजना बनायी। इसके तहत दिल्ली पुलिस की 50 टीमों ने एकसाथ छापा मारा। इस कार्रवाई में हथियार के साथ ही कैश भी बरामद किया गया है। दिल्ली पुलिस ने इस बाबत एफ.आई.आर. भी दर्ज की है।

इस अभियान के लिए दिल्ली पुलिस के 500 पुलिसकर्मियों ने 40 विशेष टीमों में शामिल हो कर रात भर छापेमारी की और इसमें 15 पिस्तौलें, बड़ी मात्रा में एमडीएमए, कोकीन, हेरोइन और नकदी बरामद की गयी।

समाचार है कि छापों में तीन अर्ध-स्वचालित पिस्तौल, 2 देसी कट्टे और 20 ज़िंदा कारतूस बरामद किया है। इसके अलावा लैपटॉप, 7 मोबाइल फ़ोन और 18 लाख 70 हजार 150 रुपये कैश ज़ब्त किया है। बरामदगी इससे अधिक भी हो सकती है। खबर है कि गैंगस्टर्स के साथ कुछ शूटर्स भी गिरफ्तार हुए हैं।समाचार है कि छापों में तीन अर्ध-स्वचालित पिस्तौल, 2 देसी कट्टे और 20 ज़िंदा कारतूस बरामद किया है। बरामदगी इससे अधिक भी हो सकती है।

यह बड़े पैमाने की छापेमारी दक्षिण-पूर्व दिल्ली क्षेत्र में सक्रिय आपराधिक नेटवर्क को निशाना बनाने के लिए की गयी थी, जिसका उद्देश्य मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध हथियार रखने जैसी गतिविधियों पर रोक लगाना था। अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान सटीक योजना और विश्वसनीय खुफिया इनपुट के आधार पर चलाया गया। बरामद किए गये माल के स्रोत का पता लगाने के लिए आगे की जाँच जारी है।

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि ड्रग तस्करों की ताकत सिर्फ निषिद्ध व्यापार  (contraband) औरअवैध सामान  में ही नहीं है, बल्कि इस धंधे से पैदा होने वाली भारी मात्रा में काले धन में भी है। अपराध जगत इस अवैध धन का इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों को फैलाने, वैध व्यवसायों में घुसपैठ करने, अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने और कुछ मामलों में आतंकवाद को वित्तपोषित करने के लिए करता है।

इस अभियान के माध्यम से दिल्ली पुलिस ने नशीली दवाओं (Narcotics) के खिलाफ अपनी लड़ाई को तेज कर दिया है। पुलिस अब ड्रग कार्टेल्स की वित्तीय जड़ों पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है और ड्रग संबंधी अपराधों के खिलाफ “शून्य सहिष्णुता नीति” (Zero-Tolerance Policy) अपना रही है।

दिल्ली पुलिस ने अपने एक बयान में बताया, “नशे के खिलाफ किसी भी सार्थक लड़ाई को केवल पारंपरिक कानून प्रवर्तन से आगे बढ़ना होगा और वित्तीय जाँच पर भी उतना ही जोर देना होगा।”

ध्यान रहे कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को नारकोटिक ड्रग्स एंड सायकोट्रॉपिक सब्स्टेंसेज़ (NDPS) एक्ट के तहत यह अधिकार प्राप्त है कि वे नशे के व्यापार से जुड़ी संपत्तियों का पता लगा कर उन्हें जब्त करें, फ्रीज़ करें और कुर्क करें। सेक्शन 68 के तहत अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को भी जब्त किया जा सकता है।

धारा 68 के तहत, अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को संलग्न (अटैच) और जब्त  किया जा सकता है, जिससे  वित्तीय रूप से तस्करों की जड़ें कमजोर होती हैं। अपराधियों को उनकी अवैध संपत्ति से वंचित करके, अधिकारी न केवल व्यक्तियों को दंडित करते हैं, बल्कि उस ढाँचे को भी ध्वस्त कर देते हैं जो मादक पदार्थों के नेटवर्क को बनाए रखता है।

क्राइम ब्रांच, दिल्ली पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) एनडीपीएस मामलों (NDPS cases) में वित्तीय जाँचों को जोड़ने में अग्रणी रही है। पहले ध्यान मुख्यतः गिरफ़्तारी और ज़ब्ती पर हुआ करता था, लेकिन  अब यह तरीका परिचालन (ऑपरेशनल) जाँच को वित्तीय प्रोफाइलिंग के साथ जोड़ता है।

 

 

 

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