
रुसी महिला के बच्चे के साथ लापता होकर रूस भाग जाने का दावा !
बच्चे की कस्टडी विवाद में फँसी रूसी महिला अवैध रूप से भारत से रूस चली गयी है । ASG भाटी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हमने उसकी मौजूदगी का पता लगा लिया है। 7 जुलाई को वह घर से निकली और नेपाल और वहॉँ से 16 जुलाई को वह रूस पहुँच गयी ! उसका बोर्डिंग पास मिला है ! लेकिन नेपाल एयरलाइंस की पुष्टि का इंतजार है ।
नयी दिल्ली ! बच्चे की कस्टडी विवाद में फँसी रूसी महिला अवैध रूप से भारत से रूस चली गयी है ।केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि महिला नेपाल के रास्ते रूस भाग गयी है । यह जानकारी एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी ने दी । मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायलय के जस्टिस सूर्यकांत एवं जस्टिस जॉयमाल्या बागची कर रहे हैं। ASG ने कहा कि 7 जुलाई से महिला और बच्चा दोनों लापता है। फोन भी बंद है और घर भी खाली मिला है। सुनवाई के दौरान भाटी ने दलील दी कि संबंधित अधिकारियों का मानना था कि वह अपने ईमेल आईपी एड्रेस लॉगिंग के आधार पर ही अपने देश पहुँच गयी होगी। ASG भाटी ने पीठ के सम्मुख स्पष्ट किया कि एयरलाइंस ने सरकार को कोई जवाब नहीं दिया है क्योंकि उस दिन शनिवार और रविवार था। सीसीटीवी फुटेज के बारे में भाटी ने कहा कि संबंधित अधिकारी जाँच कर रहे हैं तथा जाँच रिपोर्ट आते ही अदालत के सम्मुख पेश की जाएगी। उसकी ट्रैवलिंग हिस्ट्री की जाँच की जा रही है। हालाँकि भाटी ने जोर देकर कहा कि हमने उसकी मौजूदगी का पता लगा लिया है। 7 जुलाई को वह घर से निकली। 8 को वह बिहार में थी। फिर 11 वह 12 को नेपाल और वहॉँ से 16 जुलाई को वह रूस पहुँच गयी ! उसका बोर्डिंग पास मिला है ! लेकिन नेपाल एयरलाइंस की पुष्टि का इंतजार है ।
सुप्रीम कोर्ट ने रुसी महिला के वकीलों से उसका पता भी पूछा, लेकिन उन्होंने दावा किया कि उन्हें इस की कोई जानकारी नहीं है। कोर्ट को इन बातों पर शक हुआ। पीठ के अध्यक्ष जस्टिस सूर्यकांत ने वकीलों से कहा, ” आप सब कुछ जानते हैं । आपको लगता है कि आप हमारे साथ खेल सकते हैं ? आप ठहरें ! हम वकीलों से भी जवाब तलब करेंगे।” शीर्ष न्यायलय ने लुक आउट नोटिस के जरिये माँ और बच्चे को ढूँढ कर उसके भारतीय पिता को सौंपने के आदेश दिये है ।
दरअसल भारतीय नौ सेना के एक पूर्व अफसर के पुत्र, सॉफ्टवेयर इंजीनियर सैकत बसु की चीन में रूसी महिला विक्टोरिया से मुलाकात हुई । कालांतर में मुलाकातें शादी में बदल गयीं । वह X 1 वीसा पर भारत आयी। दोनों ने 2017 में भारत में शादी कर ली। 2019 में उनको एक बेटा हुआ । बेटा होने के कुछ साल बाद उनके संबंधों में दरार आने लगी। बच्चे की बेहतर परवरिश को लेकर दोनों एक दूसरे पर आरोप लगाते रहते थे । उन्होंने तलाक लेने का फैसला किया। बच्चे की कस्टडी को लेकर दोनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी लगाई थी , जिस पर कई बार सुनवाई भी हुई। उच्चतम न्यायलय ने विक्टोरिया को भारत में रहने का आदेश दिया था। बाद में दोनों ज्वाइंट कस्टडी के तहत अलग-अलग रह रहे थे। 22 मई को बेटे की तीन दिन की कस्टडी माँ को मिली। उसके बाद से ही सैकत ने बेटे को नहीं देखा। दिल्ली पारिवारिक न्यायलय में दोनों का तलाक़ का मुकदमा भी चल रहा है।
सैकत और उसके परिवार को शक है कि विक्टोरिया भारत में जासूसी कर के रूस लौटना चाह रही थी। शक की वजह यह है कि विक्टोरिया के पिता रूस की ख़ुफ़िया एजेंसी के पूर्व कर्मचारी हैं। शादी के बाद विक्टोरिया सैकत से हमेशा कोलकाता स्थित सेना के पूर्वी कमान के हैडक्वार्टर फोर्ट विलियम घूमने ले जाने का दबाव डालती थी। परिवार ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगायी है कि केंद्र सरकार विक्टोरिया का पासपोर्ट ज़ब्त कर ले । सैकत बसु का यह भी आरोप है कि विक्टोरिया को 4 जुलाई को रुसी दूतावास में घुसते देखा गया था। पति का दावा है कि उसका रुसी राजनयिक के साथ अफेयर चल रहा है। कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि यदि रुसी दूतावास के अधिकारी चोरी छुपे महिला को देश से भगाने या छिपाने में संलग्न पाये गये तो उन पर भी कानूनी कार्यवाही होगी । कोर्ट ने रुसी महिला का पासपोर्ट तुरत ज़ब्त करने का और उस रुसी अधिकारी के घर की तलाशी का आदेश दिये जिसके साथ रुसी महिला को आखिरी बार देखा गया था ।
पासपोर्ट जारी किये जाने पर जस्टिस माल्या व जस्टिस बागची की पीठ हैरान थी और उसने पूछा कि क्या इसमें रूसी दूतावास के अधिकारियों की भी सक्रिय मिली भगत साबित होती है ? दोनों न्यायाधीशों जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बागची की पीठ ने स्थिति को अस्वीकार्य बताया और अदालत की घोर अवमानना करार दिया।