मॉस्को (रूस), 7 सितंबर ! रूस की फ़ेडरल मेडिकल एंड बायोलॉजिकल एजेंसी (FMBA ) ने घोषणा की है कि रुसी एन्ट्रोमिक्स कैंसर वैक्सीन अब इलाज के लिए तैयार है। इस वैक्सीन का पहला लक्ष्य कोलोरेक्टल कैंसर (आँतों का कैंसर) होगा।
रूस की समाचार एजेंसी TASS की रिपोर्ट के अनुसार इस वैक्सीन के शानदार प्रदर्शन के बाद FMBA की प्रमुख वेरोनिका स्क्वोर्त्सोवा ने ईस्टर्न इकनोमिक फोरम (EEF) में इसकी घोषणा की है। स्क्वोर्त्सोवा ने कहा, “यह शोध कई वर्षों तक चला जिसमें से पिछले 3 साल सिर्फ अनिवार्य निःशुल्क क्लिनिकल स्टडीज को ही समर्पित थे। वैक्सीन अब इस्तेमाल के लिए तैयार है। हम आधिकारिक स्वीकृत की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस अभूतपूर्व mRNA कैंसर वैक्सीन को 2025 में सार्वजनिक रूप से जारी करके निःशुल्क वितरित जाएगा।
10वाँ ईस्टर्न इकोनामिक फोरम 3 से 6 सितंबर को ब्लादिवोस्तोक में ‘The Far East: Cooperation for Peace and Prosperity ‘ विषय पर आयोजित किया गया था। इस मंच में 75 से अधिक देशों और क्षेत्र के 8400 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था।
स्क्वोर्त्सोवा ने जोर देकर कहा कि प्री-क्लिनिकल परिणामों ने बार-बार किए गये उपयोग के बावजूद टीके की सुरक्षा और उसकी उल्लेखनीय प्रभावशीलता की पुष्टि की। शोधकर्ताओं ने पाया कि ट्यूमर के आकार में कमी आयी और ट्यूमर की प्रगति धीमी हुई, जो बीमारी की विशेषताओं के आधार पर 60% से 80% तक रही। इसके अलावा, अध्ययनों ने संकेत दिया कि टीके से जीवन दर में वृद्धि हुई।
इस टीके का प्रारंभिक लक्ष्य कोलोरेक्टल (आँतों के) कैंसर पर काबू पाना होगा। इसके अलावा ग्लियोब्लास्टोमा (ब्रेन कैंसर) और विशिष्ट प्रकार के मेलेनोमा (एक प्रकार का आँख का कैंसर) के लिए टीके विकसित करने में भी उम्मीद बाँधने वाली प्रगति हुई है जो वर्तमान में अपनी एडवांस्ड स्टेज पर है।
ये वैक्सीन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को हानिकारक जीवाणुओं को पहचानने और उनसे लड़ने के लिए प्रशिक्षित करती हैं।
इस समय कुछ कैंसर वैक्सीन प्रोस्टेट और ब्लैडर कैंसर के लिए भी उपलब्ध हैं। शोध लगातार जारी है ताकि और प्रकार के कैंसर के लिए भी वैक्सीन विकसित की जा सके।
कैंसर वैक्सीन लैब में बनायी गयी ऐसी दवाएँ होती हैं जो शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती हैं।
इनका उपयोग दो तरह से किया जाता है: 1. कैंसर का इलाज करने में तथा 2. कैंसर की रोकथाम करने में (जैसे HPV वैक्सीन, जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर को रोकने में) मदद करती है।