सूरत। मिलावटखोर लोगों की सेहत के साथ किस तरह खिलवाड़ कर रहे हैं इसका उदाहरण बाजार में बिकने वाले बोतलबंद पानी और जार हैं, जो शुद्ध भी नहीं होते हैं। बाहर के खाने-पीने के साथ-साथ घर में इस्तेमाल होने वाली कई चीजों में भी मिलावट पाई जाती है। शहर के खाद्य विभाग ने इस साल नवंबर तक बोतलबंद मिनरल वाटर और पानी के जार के 14 नमूने लिए थे, जिनमें से 9 नमूने लेबोरेटरी जांच में फेल रहे। इस प्रकार 65 प्रतिशत नमूने जांच में फेल हो गए।
लेबोरेटरी परीक्षणों से पता चला कि इन नमूनों में खनिजों की कमी थी। पानी का पीएच मान सामान्य से नीचे था, जबकि क्लोराइड और कठोरता का स्तर सामान्य से ऊपर था। यह पानी अम्लीय होने के कारण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। ऐसे पानी के सेवन से एसिडिटी, गैस्ट्राइटिस, अल्सर, दांतों में कैविटी, ऑस्टियोपोरोसिस, मेटाबॉलिक असंतुलन, मांसपेशियों में कमजोरी, थकान और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
सैंपल हुए फेल हुए कंपनियों में कष्टभंजन इंटरप्राइजेज, एचएन। ट्रेडर्स, वरुण इंटरप्राइजेज, फ्रेश स्ट्रीम बेवरेजेस, राठोड ब्रदर्स, ब्रीथ बेवरेजेस, पी.एम. मार्केटिंग, निराली बेवरेजेस एन्ड फूड और गजानंद फूड एंड बेवरेजेज शामिल है।
संस्थानों पर दर्ज होंगे केस : अधिकारी
स्वास्थ्य अधिकारी डी. के. पटेल ने कहा कि अब इन सभी संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दायर किया जाएगा( कैल्शियम का कम स्तर हड्डियों की समस्या, दस्त और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। दंडात्मक कार्रवाई के बाद न्यायालय में कार्रवाई की जाती है। हम स्वस्थ खाद्य पदार्थों को सुनिश्चित करने के लिए बाजार क्षेत्रों, कॉर्पोरेट कार्यालयों और अन्य स्थानों पर भी निरीक्षण कर रहे हैं।