नमक और सोडियम स्वास्थ्य के दुश्मन या दोस्त !

आइए ! आज हम कुछ स्वास्थ्य की बात करते हैं । नमक हमारे भोजन का एक आवश्यक अंग है जो खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि यह शरीर के लिए जरूरी भी होता है। खाना चाहे कितना भी अच्छा पकाया गया हो पर बिना नमक के फीका ही लगता है। लेकिन हर  काम की एक सीमा होती है , वैसे ही नमक के सेवन की भी एक सीमा है। हाल ही में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की एक संस्था राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने कहा है कि हम, भारतीयजन नमक का अत्यधिक सेवन करते हैं और ऐसे में हम कई मौन (silent) महामरियों को बढ़ावा दे रहे है ! मुख्यतः इस कारण देश में हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, हृदय रोग और किडनी की बीमारियों के मरीज बढ़ते ही जा रहे हैं ।

वैज्ञानिक इस समस्या के समाधान के लिए नमक के कम सेवन और कम सोडियम वाले नमक का प्रयोग करने की सलाह देते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक लेने की सिफारिश करता है लेकिन वैज्ञानिकों ने पाया है कि भारतीयों की शहरी आबादी रोजाना लगभग 9.2 ग्राम और ग्रामीण आबादी लगभग 5.6 ग्राम नमक का सेवन करती है। यानि कि दोनों ही आबादियाँ  नमक का सेवन तय सीमा से अधिक कर रही हैं। सच तो यह भी है कि भोजन में हमारी प्राथमिकता स्वाद पहले होती है और उस पल हम स्वाथ्य को पीछे रख देते हैं।

वैज्ञानिक कहते हैं कि सोडियम का कम प्रयोग रक्तचाप को कम करने और  ह्रदय के सम्पूर्ण स्वास्थ्य-सुधार में मदद करता है । मात्र कम सोडियम वाले नमक का सेवन करने से ब्लड प्रेशर औसतन 7/4 mg  तक कम हो सकता है! यह एक छोटा सा बदलाव है लेकिन इसका असर बड़ा  होता है। आपके अंदाज़ के लिए, हमारे चाय के एक पूरे चम्मच में 2400  mg , आधे चम्मच में 1200 mg तथा चौथाई चम्मच में 600 mg  नमक भरा जाता है।

यह सिर्फ नमक कम करने की बात नहीं है। यह हमारे भोजन, हमारे शरीर और हमारे ह्रदय के मध्य में संतुलन स्थापित करने के बारे में भी है।  कम नमक के सेवन से ब्लड प्रेशर संबंधी समस्याओं में भी कमी देखी जा सकती है । आपने अक्सर सुना होगा कि अधिक रक्तचाप के मरीजों को डॉक्टर सलाह देते हैं कि खाने में नमक कम करो ।

सोडियम और नमक में क्या अंतर है ? आमतौर पर सोडियम और नमक को अक्सर लोग एक ही मान लेते है, लेकिन यह दोनों एक जैसे नहीं हैं । सोडियम एक मिनरल है जो  हमारे खाने में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है या इसे खाने के दौरान उसमें मिलाया जा सकता है। खाने के नमक में लगभग 60 % सोडियम और 40% क्लोराइड होता है।

सोडियम कई रूप में पाया जा सकता है । खाने वाली पैकेज्ड चीजों पर कंपनियाँ सोडियम लिखने की जगह दूसरे बहुत सारे नामों का प्रयोग करती हैं लेकिन साधारणतया सब में सोडियम शब्द का इस्तेमाल होता है ! आप उन्हें देखकर सोडियम का पता लगा सकते हैं ! जहाँ सोडियम शब्द लिखा गया है वह चाहे किसी भी रूप में हो ,सोडियम ही है ।

चाहे हम खाने में कम नमक भी डाल रहे हों, लेकिन फिर भी संभव है कि हम बहुत ज्यादा सोडियम ले रहे हों क्योंकि हम जो पैकेज्ड या बना हुआ खाना खरीदते हैं उसमें सोडियम पहले से ही मिला हुआ होता है जिससे हमारे दैनिक सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है।

सोडियम का अत्यधिक सेवन करने से बचने के लिए हमेशा प्रोसेस्ड (यानि बना बनाया पैक किया)  खाद्य पदार्थों से दूर रहे और घर पर ही बना खाना खाएँ ।

इस बात पर हम कभी ध्यम नहीं देते हैं कि दवाइयाँ भी सोडियम का श्रोत होती है।  बिना डॉक्टर के पर्चे के मिलने वाली दवाओं के लेबल पर सक्रिय व निष्क्रिय अंशों की जाँच करें और डॉक्टर से पूछें कि आपकी दवाई में कितना नमक है।

 

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