
सुरक्षाबलों ने पेश किये पहलगाम आतंकियों के पाकिस्तानी होने के सबूत !
पहलगाम हमले के आतंकी पाकिस्तानी थे, इस बात के सबूत सुरक्षा बलों के को हासिल हुए हैं। ऑपरेशन महादेव में मारे गये तीनों आतंकवादी पाकिस्तान के ही थे और उनकी राष्ट्रीयता और आतंकवाद में संलिप्तता की पुष्टि विभिन्न प्रकार के ठोस सबूतों से हुई जो कि एनकाउंटर साइट से सुरक्षा बलों को प्राप्त हुए हैं ।
पहलगाम हमले के आतंकी पाकिस्तानी थे, इस बात के सबूत सुरक्षा बलों को हासिल हुए हैं। ऑपरेशन महादेव में मारे गये तीनों आतंकवादी पाकिस्तान के ही थे और उनकी राष्ट्रीयता और आतंकवाद में संलिप्तता की पुष्टि विभिन्न प्रकार के ठोस सबूतों से हुई जो कि एनकाउंटर साइट से सुरक्षा बलों को प्राप्त हुए थे ।
28 जुलाई 2025 को, ऑपरेशन महादेव में भारतीय थल सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जम्मू के डाचिगाम जंगल में तीन आतंकवादियों (सूलेमान शाह, हैम्जा अफगानी और यासिर जिब्रान) को एक एनकाउंटर में धराशायी किया था जो अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता बताये जाते हैं। इन तीनों को उच्च श्रेणी (A‑grade) के लश्कर-ए-तैयबा (LeT) आतंकवादी बताया गया, और सभी तीनों की पाकिस्तानी पृष्ठभूमि की पुष्टि की गयी।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने तीनों आतंकवादियों के –
(i) वोटर आईडी कार्ड ,
(ii ) पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी NADRA (National Database & Registration Authority) के biometric रिकॉर्ड,
(iii ) उनसे बरामद GPS डेटा व सैटेलाइट फोन
(iv) सुरक्षा बलों द्वारा बरामद की गयी एक खून से सनी शर्ट का डीएनए टेस्ट
(v) पाकिस्तानी निर्मित चॉकलेट (CandyLand, ChocoMax) जैसी वस्तुएँ , तथा
(vi) सुरक्षा बलों को ऑपरेशन स्थल पर AK सीरीज राइफल, M4 राइफल और बड़ी मात्रा में गोलाबारूद व अन्य जो सामग्री प्राप्त हुई ,
के द्वारा पुष्टि की कि ये सभी पाकिस्तानी थे। इन हथियारों से बॉलिस्टिक परीक्षण में पता चला कि इन्हीं से पहलगाम हमले में इस्तेमाल गोलियाँ दागी गयीं थीं। तथा इसके अलावा –
(viii) NIA की हिरासत में मौजूद ओवरग्राउंड वर्कर को आतंकवादियों की तस्वीरें दिखाई गयीं , जिसने तीनों आतंकवादियों की पहचान कर पुष्टि की ।
(iX) पाकिस्तान‑नियंत्रित कश्मीर में मृतकों के लिए एक जनाज़ा‑ए‑ग़ैब (absence funeral) आयोजित किया गया, जिसमें स्थानीय ग्रामीणों और आतंकवादी संगठनों की मौजूदगी ने पाकिस्तानी सम्बद्धता को उजागर किया ।
इनके पतों को Kasur जिला (चंगा मंगा) और PoK के Rawalakot (Koiyan गाँव ) से जोड़ा गया, जो स्पष्ट रूप से पाकिस्तान-नियंत्रित क्षेत्र हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में इस पूरे ढांचे (वोटर कार्ड, चॉकलेट, हथियार, गवाह इत्यादि) को स्पष्ट रूप से बताया, ताकि मीडिया और जनसमूह में इस बात की पुष्टि हो पाए कि यह पाकिस्तानी आतंकवादी थे और पाकिस्तान‑आधारित LeT ने इस हमले की साजिश रची थी।
इन सबूतों के बारे में एक सेना अधिकारी ने कहा कि ये सबूत आतंकवादियों के पाकिस्तानी नागरिक होने को साबित करते हैं जो कि श्रीनगर के दाचीगाँव नेशनल पार्क के पास हरबंस इलाके में 28 जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गये थे।
इस सबूत‑श्रृंखला के आधार पर भारत यह दावा करता है कि ऑपरेशन महादेव में जो आतंकवादी मारे गये , वे सभी पाकिस्तानी नागरिक थे और Pahalgam हमला इसी नेटवर्क से जुड़ा था।