अमेरिकी उपराष्ट्रपति द्वारा अपनी पत्नी के हिन्दू धर्म संबंधी टिप्पणियों की तीखी आलोचना !

अमेरिकी सांसद राजा कृष्णामूर्ति ने उपराष्ट्रपति जे. डी.वेन्स के उस बयान की आलोचना की है जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी के हिन्दू धर्म-पृष्ठभूमि के संबंध में टिप्पणी की थी। कृष्णामूर्ति ने कहा कि वेन्स की टिप्पणी बेहद निराशाजनक थी।

वॉशिंगटन (USA), 4 नवंबर 2025 ! अमेरिकी सांसद राजा कृष्णामूर्ति ने उपराष्ट्रपति जे. डी.वेन्स के उस बयान की आलोचना की है जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी के हिन्दू धर्म-पृष्ठभूमि के संबंध में टिप्पणी की थी। कृष्णामूर्ति ने कहा कि वेन्स की टिप्पणी बेहद निराशाजनक थी।

घटना तब हुई जब वेन्स ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि उनकी पत्नी जो हिन्दू पृष्ठभूमि से हैं, भविष्य में अगर कभी मसीही (क्रिश्चियन) धर्म अपना लें, तो उन्हें खुशी होगी। हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह नहीं करेंगी तो कोई समस्या नहीं — “पर हर व्यक्ति की स्वतंत्र इच्छा होती है।”

सांसद कृष्णामूर्ति ने कहा कि यह वक्त ऐसा है जब हिन्दू एवं भारतीय-अमेरिकी समुदाय को अमेरिका में बढ़ते पूर्वाग्रह, निर्यात-प्रवास की चर्चा और प्रतिगामी हिन्दू-भावनाओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे समय में उपराष्ट्रपति द्वारा इस तरह की टिप्पणी करना ‘गंभीर रूप से निराश करने वाली’ है। कृष्णामूर्ति ने कहा कि किसी व्यक्तिगत संबंध में धर्म को इस तरीके से उल्लेख करना और व्यक्त करना कि एक धर्म दूसरे से श्रेष्ठ है, सर्वथा अनुचित है। उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक रूप से इस प्रकार की टिप्पणी ‘बहुत ही निराशाजनक’ है क्योंकि यह देश में धर्म-स्वतन्त्रता तथा सहिष्णुता के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध जाती है।

इस बीच, वेन्स ने उन आलोचनाओं के जवाब में कहा है कि उनकी पत्नी “मसीही नहीं हैं और धर्म बदलने का कोई इरादा नहीं रखतीं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि “जैसे किसी अंतर-धार्मिक विवाह में आम है, मुझे उम्मीद है कि वह एक दिन मेरी तरह देख सकें”। उन्होंने यह जोर देकर कहा कि वह उनकी पसंद और विश्वास का सम्मान करते हैं।

विवाहेतर-धार्मिक (inter-faith) विवाह, धर्म-स्वतंत्रता और राजनीतिक विमर्श में धर्म की भूमिका जैसे विषय इस विवाद ने फिर से ध्यान में ला दिए हैं।
इस टिप्पणी के बाद हिन्दू-समुदायों समेत कुछ कांग्रेस तथा अन्य विधायकों ने वेन्स से सार्वजनिक रूप से माफी की माँग की है।